हरियाणा विधानसभा में हंगामा: कांग्रेस–बीजेपी का टकराव, गीता भुक्कल ने विधानसभा में मार्शल को थपड़ मारने की कोशिश की , कांग्रेस सहित कई विधायकों को सदन से नेम
वंदे मातरम्’ पर बहस के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच विवाद उभरा, स्पीकर के आदेश के बावजूद विधायकों का वेल में न लौटना विवाद का कारण बना �

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ‘वंदे मातरम्’ बहस के दौरान हंगामा, कांग्रेस के गीता भुक्कल समेत विधायक सदन से नेम, स्पीकर के आदेश पर राजनीतिक टकराव बढ़ा। �
Chandigarh ब्यूरो : THE ASIA PRIME / TAP News
चंडीगढ़/Haryana — हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार को विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच भारी हंगामा देखने को मिला। यह विवाद मुख्य रूप से ‘वंदे मातरम्’ पर बहस को लेकर उभरा, जिसमें टिप्पणियों और नारेबाजी के कारण विधानसभा अध्यक्ष को सदन के संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। �
इस दौरान विपक्षी दल कांग्रेस के कई विधायकों ने जबरन वेल (सदन का बीच का हिस्सा) में प्रवेश कर दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने कई बार उन्हें चेतावनी दी कि वे अपनी सीटों पर लौट जाएँ, लेकिन उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया। इसके बाद अध्यक्ष ने नाराज विधायकों को सदन से नेम (निकालने) का आदेश दिया। �
विरोध में गीता भुक्कल, जस्सी पेटवाड़, शकुंतला खटक, देवेंद्र हंस, कुलदीप वत्स, इंदु राज नरवाल समेत और भी कई कांग्रेस विधायक वेल में जमे रहे और उनकी हठधर्मिता के कारण मार्शलों को उन्हें बाहर ले जाने का प्रयास करना पड़ा। �
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विधानसभा में गीता भुक्कल द्वारा लेडी मार्सल को थप्पड़ मारने की कोशिस
विधानसभा में जब विपक्ष द्वारा किस बात पर तीखी बहस हुई तो विपक्ष वेल में आ कर विरोध करने की कोशिश करने लगा इस पर स्पीकर ने सब को शांत रहने को बोला व अपनी सीट पर बैठने को कहा जब विपक्ष नही माना तो मार्सल गीता भुक्कल से अनुरोध करने लगे कि आप बैठ जाओ गीता भुक्कल ने तेस में आकर लेडी मार्सल को थपड़ मारने की कोशिश की इस माजरे को विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा भी देखते रह गए।
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क्या हुआ विधानसभा सत्र में?
सत्र के दूसरे दिन शून्यकाल और प्रस्ताव के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने की बात की और उस पर चल रहे प्रस्ताव की प्रासंगिकता समझाई। इसके बीच विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य कांग्रेस विधायकों ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय के कुछ फैसलों को लेकर आपत्तियाँ उठाईं, जिससे सदन में बयानबाजी और नारेबाजी तेज हो गई। �
विपक्ष का कहना था कि प्रस्ताव की चर्चा पर संसदीय मर्यादा का पालन होना चाहिए और बिना निष्कर्ष पर पहुँचे टिप्पणी नहीं दी जानी चाहिए। वहीं सत्ता पक्ष का कहना था कि राष्ट्रीय गीत के महत्व पर चर्चा की जानी चाहिए। राजनीतिक बहस के बीच सदन की कार्यवाही बाधित हो गई। �
गीता भुक्कल कौन हैं?
गीता भुक्कल हरियाणा की वरिष्ठ कांग्रेस विधायक हैं और पूर्व में शिक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं। वे विपक्षी दल के सीनियर नेताओं में शुमार हैं और सदन में विपक्ष का मोर्चा संभालने में सक्रिय भूमिका निभाती हैं। सत्र के दौरान वह अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ वेल में प्रवेश कर नारेबाजी में शामिल रहीं, जिसके बाद सदन से उन्हें बाहर जाने का निर्देश दिया गया। �
भुक्कल और अन्य विधायकों द्वारा स्पीकर के आदेश मानने में देरी करना सियासी विवाद का प्रमुख कारण बन गया, जिससे सदन का माहौल गंभीरता से उग्र हो गया।
सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया
बीजेपी के विधायकों ने कहा कि विपक्ष की कार्रवाई विधानसभा की कार्यवाही को बाधित करने और संसदीय मर्यादा को तोड़ने के समान है। सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्ष स्पीकर का आदेश मानने से इन्कार कर रहा है और राजनीतिक उद्देश्य से such वेल में पहुंच रहा है, जिससे सदन की गरिमा प्रभावित हो रही है। �
विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच नोकझोंक के कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए रुक गई, लेकिन बाद में दोनों पक्षों ने बातचीत के बाद सदन की कार्यवाही पुनः जारी रखी।
इस घटना से राजनीतिक मायने
यह घटना राजनीतिक राजनीति और विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच बढ़ती टकराहट को दर्शाती है। विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी भी चर्चा का विषय बनी है, जो सदन में राजनीतिक संघर्ष को और तीखा बनाती है। �
इस हंगामे पर दूसरों रानीतिक लोगों का रिएक्शन
सामाजिक मीडिया और राजनीतिक विश्लेषक इस हंगामे को हरियाणा की राजनीतिक चुनौतियों और संसदीय मर्यादा पर सवाल उठाने का अवसर भी बता रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि सटकर्मी और विपक्ष दोनों को संयम दिखाना चाहिए, जबकि आलोचक इसे सरकार पर सवाल उठाने के रूप में देख रहे हैं।