हरियाणा में नए जिलों पर बड़ी हलचल: कैबिनेट सब-कमेटी ने फाइनल रिपोर्ट CM को सौंपी
11 संभावित नए जिलों पर मंथन पूरा, कमेटी ने फील्ड रिपोर्ट और सभी मानकों के आधार पर तैयार की विस्तृत रिपोर्ट — अब फैसला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के हाथों में

हरियाणा में नए जिलों पर बड़ा अपडेट। कैबिनेट सब-कमेटी ने 11 संभावित जिलों पर रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजी। अब अंतिम फैसला CM नायब सिंह सैनी लेंगे।
चंडीगढ़ ब्यूरो : THE ASIA PRIME स्पेशल रिपोर्ट
हरियाणा में प्रशासनिक ढांचा बदलने की संभावनाएँ एक बार फिर तेज हो गई हैं। मंगलवार को चंडीगढ़ में उस समय माहौल गर्म हो गया जब राज्य में नए जिलों, उपमंडल, तहसीलों और उप-तहसीलों के गठन के लिए गठित कैबिनेट सब-कमेटी की सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक बैठक हुई। कई चरणों की गहन चर्चा, फील्ड इनपुट और प्रशासनिक मानकों की जांच के बाद कमेटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भेज दी है।
यह कोई औपचारिक बैठक नहीं थी — बल्कि हर बिंदु पर गंभीरता से विचार कर एक कंक्रीट ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। अब पूरा निर्णय मुख्यमंत्री सैनी पर निर्भर करेगा कि इसे कैबिनेट में कब और कैसे लाया जाए।
11 संभावित नए जिले — लेकिन एक साथ सब बनना मुश्किल
कमेटी के पास कुल 11 जिलों के प्रस्ताव आए थे:
असंध
नारायणगढ़
मानेसर
पटौदी
पिहोवा
हांसी
बरवाला
सफीदों
गोहाना
बल्लबगढ़
डबवाली
लेकिन हरियाणा पहले से ही छोटा राज्य है, जिसमें 22 जिले हैं। ऐसे में एक साथ 11 नए जिलों का बनना लगभग असंभव माना जा रहा है।
कमेटी ने सभी प्रस्तावों को केवल received suggestions की तरह शामिल किया है, जबकि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे।
हांसी और डबवाली पर सबसे ज्यादा नज़रें
हांसी और डबवाली पहले से ही पुलिस जिला हैं, लेकिन रेवेन्यू जिला बनने का फैसला अभी तक लंबित है। इन दोनों क्षेत्रों की जनता लंबे समय से फैसले का इंतजर है।
नया जिला बनाने के मानक
कमेटी ने सख्त प्रशासनिक नियमों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की:
125–200 गाँव
4 लाख से अधिक जनसंख्या
80,000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल
अन्य जिला मुख्यालय से 25–40 किमी दूरी
नए उपमंडल, तहसील और उप-तहसील के लिए भी अलग-अलग मानक जांचे गए।
फैसला समय पर लेगी सरकार?
भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर 2025 तक प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव किया जा सकता है।
अगर फैसला टल गया तो अगला मौका जून 2027 के बाद मिलेगा।
यानी सरकार के सामने स्पष्ट टाइम-बाउंड निर्णय की चुनौती है।
कौन-कौन रहा बैठक में मौजूद?
कृष्ण लाल पंवार – कमेटी चेयरमैन
विपुल गोयल – मंत्री
श्याम सिंह राणा – कृषि मंत्री
विनोद भ्याना – हांसी विधायक
अनुराग रस्तोगी – मुख्य सचिव
डॉ. सुमिता मिश्रा – ACS
डॉ. साकेत कुमार – APS to CM
कमेटी चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार का बयान
“मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार प्रशासनिक ढांचे को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी प्रस्तावों का गहन अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है। इसे अंतिम मंजूरी के लिए CM को भेज दिया गया है।”
अब क्या होगा आगे?
अब पूरा खेल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कोर्ट में है।
रिपोर्ट कैबिनेट में कब आएगी — इसका निर्णय सीधे मुख्यमंत्री लेंगे।
हरियाणा के प्रशासनिक नक्शे में बड़ा बदलाव संभव है।