रात 2 बजे अपनी बेटी की करवाहट सुन पिता का भावुक फोन — वीडियो देख हर दिल गया पिघल
“डॉक्टर बनना ज़रूरी नहीं, खुश रहना ज़रूरी है” — पिता की वही बातें, जिसने बेटी और लाखों दिल जीत लिए

पढ़ाई और करियर दबाव से तंग आकर रात 2 बजे पिता को फोन करने वाली बेटी का वायरल वीडियो, और पिता का ऐसा जवाब जिसने सोशल मीडिया पर दिलों को छू लिया।
Delhi ब्यूरो: THE ASIA PRIME / TAP News
करियर प्रेशर में टूटती बेटी — पिता का प्यार बना सहारा
आजकल के समय में, करियर, समाजिक अपेक्षाएँ और भविष्य की चिंता युवा-पीढ़ी पर जबरदस्त बोझ बनकर आती हैं। इसी दबाव की वजह से नींद टूटी है, मन बेचैन है और कई बार человеку ऐसा लगता है कि शायद वो उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाएगा।
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक 40 सेकंड का वीडियो वायरल हो रहा है — जिसमें एक बेटी, रात के 2 बजे रोते हुए अपने पिता को कॉल करती है। उसके शब्दों से साफ था कि वो पढ़ाई, करियर और भविष्य को लेकर डिप्रेशन में थी, और शायद हार मान लेने को तैयार थी।
लेकिन उस वीडियो का मोड़ सबसे खूबसूरत था — जब पिता ने उसे समझाया:
“ऐसा नहीं है कि डॉक्टर बनेंगे तो ही सबकुछ होगा, नहीं तो कुछ नहीं होगा।
बहुत अच्छे-अच्छे पद हैं दुनिया में, बहुत अच्छी-अच्छी नौकरियां हैं, बेटा।”
पिता ने बेटी की चिंताओं को हल्के में नहीं लिया। बल्कि प्यार और भरोसे से समझाया कि उसकी उम्र अभी बहुत कम है, और जीवन सिर्फ पढ़ाई-इम्तिहान नहीं — खुशियों, स्वास्थ्य और आत्म-सम्मान का भी है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई करते-करते बोर लगने लगे, तो रुक जाओ। अगर इतना जोर पड़ रहा है, तो सब कुछ छोड़ देना भी ठीक है।
और शायद सबसे दिल छू लेने वाली बात — पिता ने बेटी को ये भरोसा दिलाया कि—
“मैं अभी बूढ़ा नहीं हुआ हूँ, पैसे की कोई दिक्कत नहीं है। मैं खूब कमाऊँगा, तू चिंता मत कर।”
पिता का यह जवाब सुनकर बेटी रोना बंद कर देती है और उसकी आज़मुदगी और उम्मीद की लालटेन फिर जल उठती है।
वीडियो वायरल — प्यारे रिश्ते ने जीता सोशल मीडिया
यह 40-सेकंड का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसे देखने वालों ने कहा कि कभी-कभी सफलता से ज्यादा ज़रूरी होती है — समझदारी, प्यार और साथ। कई लोगों ने इस पिता को “परफेक्ट पापा” बताया।
आज जब शिक्षण प्रणाली, कोचिंग का दबाव, समाज की तुलना-बाद और नौकरी की होड़ ने युवा वर्ग को तनाव से जकड़ा हुआ है — इस वीडियो ने एक अहम संदेश दिया है कि:
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सफलता का मतलब केवल डॉक्टर/इंजीनियर बनना नहीं है
हर किसी के लिए कोई न कोई अच्छा और सम्मानजनक रास्ता मौजूद है
मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-सम्मान और खुशहाली पढ़ाई से भी ज़्यादा मायने रखते हैं
बच्चों को डर, दबाव और डराने की बजाय भरोसा और प्यार देना चाहिए
लेकिन पिता ने कारकुनी, कड़ाई या गुुस्से की बजाय — प्यार, भरोसा और समझदारी से उसकी बातें सुनी। और ये वही कारण है कि यह वीडियो सिर्फ बेटी-पिता का निजी पल नहीं रह गया, बल्कि हर परिवार, हर माता-पिता, हर बच्चे के लिए एक सीख बन गया।
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अगर आप या आपका कोई जान-पहचान वाला इस समय करियर-प्रेशर, सामाजिक उम्मीदों या मानसिक तनाव से गुजर रहा हो — तो इस वीडियो से सीखिए: आप अकेले नहीं हैं।
किसी एक परीक्षा, डिग्री या कॉर्स से आपकी ज़िन्दगी तय नहीं होती। असली ज़िन्दगी है खुशियाँ, सम्मान, आत्म-सम्मान और वो रिश्ते जो हमें जोड़ते हैं। अगर कभी आप थक जाएँ — तो एक कॉल करें, बातचीत करें, खुलकर बताएं। क्योंकि सही समय पर प्यार और सहारा — सबसे बेहतर दवाई है।
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