नंगे पैर चलने के 11 बड़े फायदे: वैज्ञानिक शोध भी मानते हैं इसके स्वास्थ्य लाभ
मुख्य खबर: नंगे पैर चलने के 11 फायदे और उनकी वैज्ञानिक पुष्टि

नंगे पैर चलना सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि पूरा स्वास्थ्य विज्ञान है। जानिए कैसे रोज 10–15 मिनट घास या मिट्टी पर खुले पांव चलना शरीर, दिमाग और नींद को चमत्कारी रूप से बेहतर बनाता है। वैज्ञानिक शोध भी इसे लाभकारी मानते हैं।
ब्यूरो:THE ASIA PRIME
सुविधाओं की बढ़ती होड़ में आज लोग पैदल चलने तक से बचते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार दिन में कुछ मिनट नंगे पैर चलना शरीर के लिए चमत्कारिक फायदे देता है। प्राकृतिक घास, मिट्टी, रेत या गीली सतह पर खुले पांव चलना शरीर की ऊर्जा, नींद, मानसिक स्वास्थ्य और रक्त प्रवाह पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि मानव शरीर प्रकृति के संपर्क में आने के लिए ही बना है और पैरों के जरिए धरती से जुड़ना हमारी कई आंतरिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाता है। आइए जानें इसके 11 प्रमुख फायदे।
1. तलवों के एक्यूप्रेशर पॉइंट एक्टिव होते हैं
पैरों के तलवों में शरीर के सभी अंगों से जुड़े एक्यूप्रेशर पॉइंट होते हैं। जब हम घास या मिट्टी पर चलते हैं, तो प्राकृतिक दबाव इन पॉइंट्स को सक्रिय करता है। इससे पाचन, किडनी, लीवर, फेफड़ों व अन्य अंगों को लाभ मिलता है।
2. आंखों की रोशनी बेहतर होती है
पांव की दो उंगलियों के नीचे आंखों के रिफ्लेक्स पॉइंट होते हैं। उन पर हल्का प्राकृतिक दबाव पड़ने से दृष्टि में सुधार देखा गया है। बुजुर्ग भी इसका लाभ बताते आए हैं।
3. अनिद्रा में राहत और गहरी नींद
अनेक अध्ययनों में पाया गया है कि रोज 10–15 मिनट नंगे पांव चलने से नींद की गुणवत्ता बढ़ती है और तनाव कम होता है।
4. शरीर का संतुलन सुधरता है
जूते की आदत के कारण पैर अपनी प्राकृतिक बनावट खो देते हैं। नंगे पैर चलने से पैर की पकड़ मजबूत होती है और शरीर का बैलेंस बेहतर होता है।
5. मानसिक एकाग्रता और सजगता बढ़ती है
खुली जमीन पर सावधानी से चलने से मस्तिष्क अधिक एकाग्र रहता है। इससे मानसिक फोकस और जागरूकता दोनों बढ़ती हैं।
6. पैर और टांगें मजबूत होती हैं
खाली पैर चलना पिंडलियों, टखनों, उंगलियों और एड़ियों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे लंबे समय तक अच्छा स्वास्थ्य बना रहता है।
7. पृथ्वी का इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक संपर्क शरीर को संतुलित करता है
धरती का प्राकृतिक इलेक्ट्रो-मैग्नेटिज़्म शरीर की आयनों की व्यवस्था को दुरुस्त करता है। इससे शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और तनाव कम होता है।
8. Free Radicals में कमी और Antioxidants में वृद्धि
शोध बताते हैं कि ‘ईर्थिंग’ से शरीर में फ्री-रैडिकल्स कम होते हैं और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट बढ़ते हैं, जो बुढ़ापे और बीमारियों से बचाव करते हैं।
9. प्रकृति से गहरा जुड़ाव
मिट्टी या घास पर चलना मानसिक सुकून देता है। शरीर के तत्व अपनी मूल ऊर्जा — पृथ्वी — के सीधा संपर्क में आते हैं जिससे मन तरोताज़ा होता है।
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10. खूबसूरत प्राकृतिक अनुभव
खुले पांव चलने से हम अपने आस-पास की प्रकृति को ध्यान से महसूस करते हैं — घास की ठंडक, हवा की शीतलता और प्राकृतिक ध्वनियों का आनंद मिलता है।
11. शरीर की सभी क्रियाएं सुचारु होती हैं
धड़कन, रक्तप्रवाह, श्वसन और पाचन — सभी प्रक्रियाएँ संतुलित होने लगती हैं। यह संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
🔬 वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
MDPI Journal की रिपोर्ट के अनुसार, नंगे पैर चलने से हृदय गति और ग्लूकोज रेग्यूलेशन में सुधार होता है।
Journal of Alternative and Complementary Medicine के अध्ययन में पाया गया कि धरती के संपर्क से लाल रक्त कोशिकाओं की इलेक्ट्रॉनिक चार्ज बढ़ती है और रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
यदि आप रोज सिर्फ 10–15 मिनट नंगे पांव घास, मिट्टी या रेत पर चलना शुरू कर दें, तो कुछ हफ्तों में ही शरीर और मन में बड़े बदलाव महसूस होंगे। यह आसान, प्राकृतिक और बिना किसी खर्च वाला स्वास्थ्य मंत्र है।
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