अनिल अंबानी पर ईडी की बड़ी कार्रवाई — ₹3,000 करोड़ की संपत्ति कुर्क, मुंबई से चेन्नई तक फैले फ्लैट और प्लॉट जब्त

ईडी ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी की 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। इनमें मुंबई, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, चेन्नई और हैदराबाद में स्थित प्रॉपर्टी शामिल हैं। कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और लोन फ्रॉड केस से जुड़ी है
नई दिल्ली,: THE ASIA PRIME 3 नवंबर 2025:.
उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत चार अनंतिम आदेश जारी किए हैं जिनमें अनिल अंबानी के मुंबई के पाली हिल स्थित घर, दिल्ली के रिलायंस सेंटर, और नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, ठाणे, चेन्नई, हैदराबाद और पूर्वी गोदावरी में स्थित कई प्रॉपर्टी शामिल हैं। कुल 40 संपत्तियां जब्त की गई हैं जिनकी कीमत करीब ₹3,084 करोड़ आंकी गई है।
रिलायंस होम फाइनेंस और कमर्शियल फाइनेंस केस से जुड़ा मामला
यह कार्रवाई रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) से जुड़ी है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग की।
सूत्रों के मुताबिक, यस बैंक ने वर्ष 2017 से 2019 के बीच RHFL में ₹2,965 करोड़ और RCFL में ₹2,045 करोड़ का निवेश किया था। लेकिन दिसंबर 2019 तक ये निवेश गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) बन गए।
ED का कहना है कि दिसंबर 2019 तक RHFL पर ₹1,353.50 करोड़ और RCFL पर ₹1,984 करोड़ का बकाया था। आरोप है कि यह धन निर्धारित उपयोग के बजाय अन्य कार्यों में लगाया गया।
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कुर्क की गई प्रमुख संपत्तियां
मुंबई के पाली हिल स्थित अनिल अंबानी का घर
दिल्ली में महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर रिलायंस सेंटर
नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, ठाणे, चेन्नई, हैदराबाद, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी की संपत्तियां
ED ने कहा है कि जांच के दौरान पाया गया कि इन संपत्तियों को फर्जी कंपनियों और आपसी ट्रांजैक्शन के ज़रिए खरीदने की कोशिश की गई थी ताकि वित्तीय अनियमितताओं को छिपाया जा सके।
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CBI की FIR पर आधारित जांच
यह मामला सीबीआई की एक एफआईआर से जुड़ा है जिसमें अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर ₹17,000 करोड़ से अधिक के ऋण का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है।
ईडी ने इस साल अगस्त 2025 में अनिल अंबानी से लंबी पूछताछ भी की थी। इससे पहले 24 जुलाई को 35 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी जिनमें 50 कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के ठिकाने शामिल थे।
अनिल अंबानी की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक अनिल अंबानी या रिलायंस समूह की ओर से इस कार्रवाई पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ईडी के आरोप साबित होते हैं, तो यह देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड मामलों में से एक माना जाएगा।
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