
राजस्थान हाई कोर्ट ने बलात्कार के दोषी स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम को स्थायी जमानत दे दी है। यह राहत अदालत ने उनकी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति और बढ़ती उम्र को देखते हुए प्रदान की। आसाराम पिछले 11 साल से जोधपुर जेल में सजा काट रहे थे। अदालत का यह फैसला एक बार फिर बहस का विषय बना हुआ है।
जयपुर ब्यूरो: THE ASIA PRIME / TAP News
राजस्थान हाई कोर्ट ने बुधवार को आसाराम को स्थायी जमानत देने का बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि 82 वर्षीय आसाराम की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है और वे कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। न्यायालय ने यह निर्णय मेडिकल रिपोर्ट्स और उम्र के आधार पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए दिया।
भारत के प्रमुख 5 शहरों में इन स्टार्टअप्स पर नजर: LinkedIn ने जारी किया “Top Start-ups by City” सूची
आसाराम को 2018 में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में जोधपुर की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वे लगातार जेल में बंद थे और कई बार जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी। मगर इस बार उनकी तरफ से पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट्स में बताया गया कि उन्हें हृदय, सांस और जोड़ों की गंभीर समस्या है, जिसके कारण जेल में रहना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि आसाराम को इलाज के लिए अदालत द्वारा तय शर्तों का पालन करना होगा और वे किसी भी तरह से केस से जुड़े गवाहों या पीड़िता के परिवार से संपर्क नहीं कर सकेंगे।
आसाराम की स्थायी जमानत के फैसले ने समाज और धार्मिक वर्गों में नई बहस छेड़ दी है। एक ओर उनके अनुयायी इस फैसले को “ईश्वर की कृपा” बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई महिला संगठनों ने इस निर्णय पर नाराजगी जताई है और कहा कि इससे गलत संदेश जाएगा।