
पंजाब के मानसा जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक महिला पहलवान ने नशे की लत के कारण अपने ही बच्चे को बेच दिया। पहले उसने हरियाणा में 5 लाख रुपये में सौदे की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो मानसा में मात्र पौने 2 लाख रुपये में सौदा कर दिया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी।
चंडीगढ़ / मानसा (THE ASIA PRIME)
पंजाब में नशे की मार सिर्फ समाज को नहीं, बल्कि मातृत्व जैसी भावना को भी निगल रही है।
मानसा जिले में एक महिला पहलवान द्वारा अपने बच्चे को ड्रग्स के लिए बेच देने का मामला सामने आया है।
यह महिला कभी अखाड़े में मेडल जीतती थी, लेकिन अब नशे की गिरफ्त में आकर उसने अपने ही बच्चे का सौदा कर दिया।
पहलवान ने अपना बच्चा बेचने की हरियाणा में पहले कोशिश की ।
पुलिस जांच के अनुसार, महिला पहलवान ने सबसे पहले हरियाणा में अपने बच्चे को बेचने की कोशिश की थी।
वहां एक दलाल के माध्यम से 5 लाख रुपये में सौदे की बात चल रही थी, लेकिन कुछ शर्तों पर सहमति न बनने के कारण डील रद्द हो गई।
हरियाणा में असफल होने पर फिर मानसा में पौने दो लाख में सौदा किया।
हरियाणा में असफल रहने के बाद, महिला ने अपने बच्चे का सौदा मानसा जिले में करीब ₹1.75 लाख (पौने दो लाख) में कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, यह रकम उसे ड्रग्स खरीदने के लिए चाहिए थी।
महिला लंबे समय से नशे की लत से जूझ रही थी और कई बार इलाज के लिए केंद्र में भर्ती भी हुई थी, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
घटना का पता चलने पर पुलिस ने की कार्रवाई
घटना सामने आने के बाद मानसा पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की है।
बच्चे को रेस्क्यू कर लिया गया है और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के हवाले कर दिया गया है।
महिला और उसके सहयोगियों पर मानव तस्करी व बाल अधिकार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना को लेकर सामाजिक संगठन ने जताई चिंता
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
उनका कहना है कि पंजाब में ड्रग्स का जाल इतना गहरा हो चुका है कि अब यह परिवारों को तोड़ रहा है और समाज को अंधेरे में धकेल रहा है।
“एक मां अगर नशे की लत में अपना बच्चा बेच सकती है, तो यह सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक त्रासदी है।” — एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा।
एक समय था जब कभी उभरती हुई खिलाड़ी हुआ करती।
जानकारी के अनुसार, आरोपी महिला कभी जिला स्तर की पहलवान थी।
उसने कई प्रतियोगिताओं में पदक जीते थे और कोच बनने की तैयारी कर रही थी।
लेकिन साथी खिलाड़ियों के साथ पार्टी के दौरान नशे के संपर्क में आने के बाद उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई।
नशा मुक्ति विशेषज्ञों की राय ।
नशा मुक्ति विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला केवल एक महिला का नहीं है, बल्कि यह पंजाब में बढ़ते ड्रग्स के संकट की गवाही देता है।
ऐसे मामलों से निपटने के लिए सिर्फ कानून नहीं, बल्कि सामाजिक पुनर्वास और परामर्श केंद्रों की संख्या बढ़ाना जरूरी है।