
हिसार जिले के गांव पेटवाड़ में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत को आगामी 23 नवंबर 2025 को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया जाएगा। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई के सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस सूर्यकांत यह पद संभालेंगे और 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर रहेंगे।
जस्टिस सूर्यकांत का जीवन परिचय:
जन्म: 10 फरवरी 1962, गांव पेटवाड़, जिला हिसार, हरियाणा
शिक्षा: 1981 में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हिसार से स्नातक; 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से विधि स्नातक; 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से विधि में स्नातकोत्तर
वकालत: 1984 में हिसार जिला न्यायालय में वकालत शुरू की; 1985 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में वकालत की
महाधिवक्ता: 7 जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे युवा महाधिवक्ता नियुक्त हुए
न्यायाधीश: 9 जनवरी 2004 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने; 5 अक्टूबर 2018 से 23 मई 2019 तक हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे; 24 मई 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने
जस्टिस रहते महत्वपूर्ण निर्णय:
जस्टिस सूर्यकांत ने कई महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय दिए हैं, जिनमें अनुच्छेद 370, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), पेगासस जासूसी मामले और लखीमपुर खीरी हिंसा शामिल हैं। उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता, नागरिक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं।
गांव पेटवाड़ में खुशी की लहर:
गांव पेटवाड़ में जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति को लेकर खुशी की लहर है। गांववाले इसे दूसरी दिवाली मान रहे हैं। उनकी ईमानदारी, कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। वे हर साल गांव में आकर कक्षा 10 और 12 के मेधावी छात्रों को सम्मानित करते हैं, जिससे युवाओं को प्रेरणा मिलती है।
मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सूर्यकांत का कार्यकाल:
नियुक्ति तिथि: 23 नवंबर 2025
सेवानिवृत्ति तिथि: 9 फरवरी 2027
जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह हरियाणा और विशेष रूप से गांव पेटवाड़ के लिए गर्व की बात है। उनकी यात्रा यह सिद्ध करती है कि कठिन परिश्रम, ईमानदारी और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।