भारत की पहली सहकारी टैक्सी सेवा ‘सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड’ का गठन — हरियाणा के पूर्व विधायक प्रहलाद सिंह गिलांखेड़ा बने निदेशक मंडल सदस्य

केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा — सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड, भारत — का गठन किया है। इस संस्था में फतेहाबाद के पूर्व विधायक और इफको निदेशक प्रहलाद सिंह गिलांखेड़ा को निदेशक मंडल में शामिल किया गया है। यह सेवा ड्राइवरों को स्वामित्व और सम्मान दोनों देगी, जिसका उद्देश्य ओला-उबर जैसी निजी कंपनियों को चुनौती देना है।
नई दिल्ली ब्यूरो:THE ASIA PRIME /TAP News
नई दिल्ली / फतेहाबाद — देश की सहकारी क्रांति को नई दिशा देने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक पहल की है। मंत्रालय ने ‘सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड, भारत’ (Sahkar Taxi Cooperative Limited, India) का औपचारिक गठन किया है। यह भारत की पहली ऐसी टैक्सी सेवा होगी जो पूरी तरह सहकारी मॉडल पर आधारित होगी — यानी ड्राइवर ही इसके मालिक होंगे और संचालन भी उन्हीं के हाथों में रहेगा।
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इस संस्था के निदेशक मंडल में फतेहाबाद के पूर्व विधायक एवं इफको के निदेशक श्री प्रहलाद सिंह गिलांखेड़ा को भी शामिल किया गया है। यह हरियाणा के लिए गर्व का विषय है कि पूरे देश के सिर्फ 11 प्रतिष्ठित सदस्यों में से एक स्थान हरियाणा को मिला है।
संस्था के चेयरमैन पद पर अमूल के एमडी श्री जयन मेहता, और वाईस चेयरमैन के रूप में एनसीडीसी (NCDC) के डीएमडी श्री रोहित गुप्ता निर्वाचित हुए हैं।
यह सहकारी टैक्सी सेवा न केवल ड्राइवरों के अधिकारों की रक्षा करेगी बल्कि यात्रियों को भी किफायती, पारदर्शी और सुरक्षित यात्रा का अनुभव देगी। इसका प्रमुख उद्देश्य निजी कंपनियों — जैसे ओला और उबर — के एकाधिकार को चुनौती देना है, ताकि टैक्सी चालक सीधे अपनी आय प्राप्त कर सकें और किसी तरह के कमीशन या बिचौलिये की आवश्यकता न रहे।
श्री प्रहलाद सिंह गिलांखेड़ा ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ विज़न का परिणाम है। उन्होंने बताया कि सहकार टैक्सी सेवा की मुख्य विशेषताएं होंगी —ड्रा
इवर-केंद्रित स्वामित्व मॉडल
किफायती किराया एवं पारदर्शी संचालन प्रणाली
मल्टी-स्टेट रजिस्ट्रेशन सुविधा
सुरक्षित एवं तकनीकी रूप से सक्षम प्लेटफॉर्म
यह टैक्सी सेवा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के साथ-साथ आठ प्रमुख सहकारी संस्थाओं के सहयोग से शुरू की जा रही है, जिनमें शामिल हैं —
अमूल, नेफेड, नाबार्ड, इफको, कृभको, NDDB (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड), और नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL)।
इन संस्थाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के लाखों टैक्सी चालकों को रोजगार और सम्मान दोनों मिल सकें। साथ ही, यात्रियों को स्थानीय स्तर पर विश्वसनीय और सस्ती यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल भारत के सहकारी ढांचे को नई ऊंचाई देगा और आने वाले समय में ट्रांसपोर्ट सेक्टर में ‘मेड इन इंडिया सहकारी ऐप’ का रूप ले सकता है।
यह पहल न केवल ड्राइवरों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी बल्कि ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
(रिपोर्ट: The Asia Prime ब्यूरो, नई दिल्ली)