हरियाणा हिसार के दो युवक रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे: परिवार ने भारतीय दूतावास से मदद की अपील की

हरियाणा के हिसार जिले के मदनहेरी गांव के दो युवक, सोनू (28) और अमन (24), रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे हुए हैं। परिवारों का आरोप है कि उन्हें धोखे से रूसी सेना में भर्ती कराया गया। सोनू की मौत की पुष्टि रूस से आई संदेशों से हुई है, जबकि अमन 22 सितंबर से लापता है। परिवार भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
हिसार ब्यूरो:THE ASIA PRIME/TAP News
हरियाणा के हिसार जिले के मदनहेरी गांव के दो युवक, सोनू और अमन, रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे हुए हैं। परिवारों का आरोप है कि उन्हें धोखे से रूसी सेना में भर्ती कराया गया। सोनू की मौत की पुष्टि रूस से आई संदेशों से हुई है, जबकि अमन 22 सितंबर से लापता है। परिवार भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
सोनू और अमन ने मई 2024 में रूस में विदेशी भाषा कोर्स करने के लिए यात्रा की थी। सितंबर में सोनू ने अपने परिवार से कहा था कि उन्हें सेना में भर्ती किया गया है और वे युद्ध क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं। इसके बाद, 6 सितंबर को सोनू लापता हो गए। 19 सितंबर को रूस से एक संदेश आया जिसमें सोनू की मौत की पुष्टि की गई और परिवार को उनका शव लेने के लिए मास्को आने को कहा गया।
अमन 22 सितंबर से लापता हैं। उनके छोटे भाई सुनील ने बताया कि अमन ने वीडियो कॉल के माध्यम से बताया था कि उन्हें सुरक्षा गार्ड की नौकरी के बहाने सेना में भर्ती किया गया और उनका बैंक खाता भी खाली कर दिया गया। इसके बाद से उनका कोई संपर्क नहीं हुआ।
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परिवारों ने भारतीय दूतावास और गृह मंत्रालय से मदद की अपील की है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। स्थानीय विधायक जस्सी पेटवार ने सांसद दीपेंद्र हुड्डा और जय प्रकाश से संपर्क किया है ताकि दूतावास से जानकारी प्राप्त की जा सके।
यह मामला न केवल हिसार जिले के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय बन गया है। परिवारों की पीड़ा और सरकार की निष्क्रियता सवाल उठाती है कि विदेशों में पढ़ाई करने गए छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि कैसे कुछ एजेंट छात्रों को धोखे से युद्ध क्षेत्रों में भेज देते हैं। परिवारों का आरोप है कि एजेंटों ने उनकी वीजा अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें नौकरी का झांसा देकर सेना में भर्ती कराया।
अब देखना यह है कि भारतीय सरकार और दूतावास इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाते हैं और परिवारों को न्याय मिलता है या नहीं।
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