ऐसी बेटी मत देना: माता-पिता को अकेला छोड़कर प्रेमी के साथ चली गई — ओसियां, राजस्थान का दिल दहला देने वाला मामला”

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“राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र से सामने आई यह घटना परिवार और समाज के रिश्तों पर गहरी चोट करती है। एक युवती ने माता-पिता को अकेला छोड़, अपने प्रेमी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में जाने का फैसला किया। पुलिस और स्थानीय लोग मान रहे हैं कि यह आधुनिकता और पारंपरिक परिवार मूल्यों के बीच टकराव का उदाहरण है। यह घटना न केवल ओसियां बल्कि पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन गई है।
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THE ASIA PRIME/TAP News
ओसियां, राजस्थान: राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां थाना क्षेत्र के सामराऊ गांव से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने समाज और पारिवारिक मूल्यों को झकझोर दिया। यहाँ एक बेटी ने अचानक निर्णय लिया कि वह अपने माता-पिता को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में जाएगी।
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घटना के अनुसार, युवती अपने घर से निकलते समय अपनी मां को बिलकुल अकेला छोड़ती हुई दिखाई दी। मां और पिता ने उसे रोकने और मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह अपने फैसले पर अड़ी रही। वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट में यह स्पष्ट रूप से दिखा कि माता-पिता की भावनाएं और अपील बेटी पर कोई असर नहीं डाल पाईं।
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स्थानीय लोगों और पड़ोसियों का कहना है कि यह घटना कलयुग की पराकाष्ठा है। पहले समाज में बेटियों को संस्कार और परिवार का पालन करने वाली समझा जाता था, लेकिन आधुनिक समय में कुछ युवाओं के फैसले पारंपरिक मूल्यों और सामाजिक अपेक्षाओं को चुनौती दे रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि युवती बालिग है, और उसने स्वेच्छा से यह निर्णय लिया है। कानून के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति वयस्क और स्वतंत्र है, तो वह अपने जीवनसाथी या साथी का चुनाव करने का अधिकार रखता है। ऐसे मामलों में माता-पिता के पास कानूनी विकल्प बहुत सीमित हैं, और कोई जबरन कार्रवाई करना मुश्किल होता है।
इस घटना ने परिवार और समाज दोनों के लिए गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। माता-पिता अब भावनात्मक और मानसिक रूप से टूट चुके हैं। परिवार की प्रतिष्ठा, सामाजिक सम्मान और पारंपरिक मूल्यों की भावना इस घटना से आहत हुई है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामले अभिभावक और समाज के बीच संवाद की कमी और युवाओं में बढ़ती व्यक्तिगत स्वतंत्रता का नतीजा हैं। समाज में पारंपरिक विचार और आधुनिक सोच के बीच संघर्ष लगातार दिखाई दे रहा है।
स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हुआ। लोग इस पर विभाजित नजरिए रखते हैं। कुछ लोग युवती के व्यक्तिगत अधिकार का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे पारिवारिक मूल्यों की अनदेखी मान रहे हैं।
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यह घटना यह भी दिखाती है कि समाज में रिश्तों और परिवार के महत्व पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है। माता-पिता और परिवार को चाहिए कि वे बच्चों के साथ संवाद, समझ और मार्गदर्शन के माध्यम से समाधान निकालें।
ओसियां की यह घटना केवल एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि पूरे राजस्थान और देश के लिए एक चेतावनी भी है कि आधुनिकता और पारंपरिक मूल्यों का संतुलन बनाना आवश्यक है।
अंततः, यह मामला यह संदेश देता है कि परिवार का प्यार, संवाद और समर्थन ही समाज में संतुलन और सामंजस्य बनाए रख सकता है। कानून युवा की स्वतंत्रता देता है, लेकिन पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
✍️ रिपोर्ट: सतबीर जांड़ली, स्वतंत्र पत्रकार (THE ASIA PRIME)