CM-DGP की हाई लेवल बैठक: अब DGP व SP के खिलाफ होगी कार्रवाई? IAS पत्नी ने CM को बताया सच

हरियाणा के सीएम नयब सिंह सैनी और राज्य DGP की उच्च स्तरीय बैठक आज हुई, जिसमें IPS वाई. पूरन कुमार मामले की जांच-प्रक्रिया की दिशा तय हुई। IAS पत्नी अमनीत P. कुमार ने CM को पत्र लिखकर DGP और Rohtak SP पर उत्पीड़न, जातीय भेदभाव और आत्महत्या में उकसाने के आरोप लगाए हैं। सुनवाई व कार्रवाई की गहराई अब तय होगी।
ताज़ा अपडेट: TAP News
चंडीगढ़ | 9 अक्टूबर 2025 — हरियाणा में IPS अधिकारी Y. पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद सियासी और पुलिस महकमे में हलचल तेज है। आज मुख्यमंत्री नयब सिंह सैनी (CM Saini) तथा राज्य DGP के बीच एक उच्च स्तरीय (High Level) बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का लक्ष्य स्पष्ट है — इस घनघोर मामले में कौन-कौन दोषी होंगे, किसकी ज़िम्मेदारी तय होगी और कार्रवाई की दिशा क्या होगी।
आज CM सैनी ने Y पूर्ण कुमार के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी ।
इस बैठक को मुख्यमंत्री कार्यालय से ही “तत्काल जांच प्रक्रिया की समीक्षा” और “उच्च अधिकारियों के नामों पर बारीकी से कार्रवाई” की ज़रूरत बताकर बुलाया गया।
बैठक में राज्य पुलिस प्रमुख (DGP), गृह विभाग, कानून व्यवस्था विभाग, और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। चर्चा का केंद्रबिंदु यह है कि अमनीत P. कुमार की शिकायत में नामित DGP शत्रुजीत सिंह कपूर और Rohtak SP नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग को कितनी संवेदनशीलता से लिया जाए।
पूर्ण कुमार कि IAS पत्नी का अधिकारियों पर संगीन आरोप।
IPS Y. पूरन कुमार की पत्नी, IAS अधिकारी अमनीत P. कुमार, जो घटना के समय जापान में थीं, आज वापस लौटीं और उन्होंने मुख्यमंत्री को एक विस्तृत पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि:
DGP कपूर और SP बिजारनिया ने उत्पीड़न, मानसिक शोषण, सार्वजनिक अपमान और जातिगत भेदभाव के ज़रिए उनके पति को बेदम कर दिया।
उन्होंने कहा कि जब पूरन कुमार ने मदद की गुहार लगाई, दोनों अधिकारी उत्तरी जवाब और कार्रवाई से बचते रहे।
IAS पत्नी ने SC/ST (Prevention of Atrocities) Act और Abetment to Suicide की धाराओं के तहत FIR दर्ज करने की मांग की है।
उन्होंने साथ ही बताया कि अब तक चंडीगढ़ पुलिस ने प्रभावशाली अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की, और वह डरती हैं कि शक्तिशाली लोग मामले को दबाने की कोशिश कर सकते हैं।
हरियाणा के DGP और SP पर आरोप
पत्र और पूरन कुमार द्वारा छोड़ी गई 8/9 पृष्ठों की ‘अंतिम नोट’ की प्रति में कई वरिष्ठ अधिकारियों का नाम सामने आया है।
उन आरोपों का सामान्य सार यह है:
DGP कपूर ने पूरन कुमार को उनका सेवानिवृत्तियों का बकाया (arrears) देने में अड़चनें डालीं।
आवास (official accommodation) देने में “अतिरिक्त नियम” लागू किए गए और झूठे हलफनामे (false affidavits) से उनके आवास प्रस्ताव को रोका गया।
SP बिजारनिया ने कथित रूप से बहकर पूरन कुमार की कॉल्स नहीं उठाईं; कार्रवाई करने की बजाय मामले को टालने का आरोप।
इस तरह का मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक दबाव अंततः उन्हें आत्महत्या की ओर ले गया, यह पत्नी का दावा है।
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CM सैनी के साथ बैठक के बाद की संभावनाएं
सबसे पहला कदम हो सकता है FIR दर्ज करना उन अधिकारियों के खिलाफ जिन्हें पत्नी और नोट में नामित किया गया।
जांच के लिए संभवतः विशेष जांच दल या CBI/Crime Branch को मामला सौंपा जाए।
वर्तमान DGP और SP को कार्यस्थल से हटाना, निलंबन, सात्विक जांच या अस्थायी निष्कासन जैसे आदेश दिए जाएँ।
उच्च स्तरीय अधिकारी एवं गृह विभाग को भी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश हो सकता है कि किस स्तर पर गलतियाँ हुईं।
इस पूरे प्रकरण की चुनौतियाँ और संवेदनाएँ
आरोपित अधिकारी बहुत पावरफुल और संवेदनशील पदों पर हैं — इसलिए साक्ष्य तलब, गवाह सुरक्षा, दबाव-रोकथाम जैसी चुनौतियाँ होंगी।
जनता व मीडिया की निगाह इस घटना पर है — इसलिए कार्रवाई को स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी होना चाहिए।
कोर्ट या राज्य विधानसभा में यह मामला बड़ी देर तक गरम रहेगा — विपक्ष व मीडिया दबाव बनाएंगे