Fatehabad:जांडली कलां स्कूल में लगा स्वास्थ्य जांच शिविर, 200 छात्राओं का हुआ हीमोग्लोबिन टेस्ट

जांडली कलां (fatehabad): राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जांडली कलां में आज स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य छात्राओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना और “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” के तहत हीमोग्लोबिन स्तर की जांच करना था।
फतेहाबाद ब्यूरो:SATBIR JANDLI
THE ASIA PRIME /TAP News
गांव के आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी श्रीमती मोनिका रानी और आशा वर्कर श्रीमती कृष्णा देवी की देखरेख में यह कैंप आयोजित किया गया। कैंप में कुल 200 छात्राओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट किया गया और मौके पर ही रिपोर्ट उपलब्ध करवाई गई।
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खून की कमी वाली छात्राओं को दिए गए सुझाव
जांच के दौरान जिन छात्राओं में खून की कमी पाई गई, उन्हें संतुलित भोजन लेने और खानपान में बदलाव करने की सलाह दी गई। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि एनीमिया आज युवतियों और महिलाओं में एक गंभीर समस्या है, जिसका सीधा असर उनकी सेहत और पढ़ाई पर पड़ता है।
उन्होंने छात्राओं को हरी पत्तेदार सब्जियाँ, तिल, सहजन की पत्तियाँ, चुकंदर, खजूर, किशमिश और अंजीर जैसी चीजें अपने भोजन में शामिल करने की सलाह दी।
घर पर हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए टिप्स
1. ज्यादा से ज्यादा फलों व हरी सब्जियां दाल का सेवन करें ।
एप्रिकॉट, सेब, अंगूर, केला, अनार और तरबूज हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए बेहतरीन फल हैं। खासकर सेब और अनार आयरन और कैल्शियम के समृद्ध स्रोत माने जाते हैं। इन्हें सलाद, स्मूदी, मिल्कशेक या जूस के रूप में भी लिया जा सकता है।
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2. लोहे के बर्तनों का उपयोग करें
लोहे के बर्तनों में खाना पकाने से भोजन में आयरन की मात्रा स्वतः बढ़ जाती है। यह तरीका खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उपयोगी और आसान है।
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3. विटामिन C से भरपूर फल व भोजन जरूर करें
विटामिन C शरीर को आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। इसके लिए आंवला, संतरा, नींबू, स्ट्रॉबेरी, टमाटर, बेल पेपर और बेरीज़ का सेवन नियमित रूप से करने की सलाह दी गई।
4.सभी को स्वाथ रहने के लिए नियमित व्यायाम करें
मॉडरेट से हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करने से शरीर में ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ती है, जिससे हीमोग्लोबिन उत्पादन अपने आप तेज हो जाता है।
5. डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लें
कुछ मामलों में सिर्फ खानपान से कमी पूरी नहीं होती, ऐसे में आयरन सप्लीमेंट या दवाइयों का सेवन चिकित्सक की सलाह पर किया जा सकता है।
क्यों जरूरी है समय समय पर हीमोग्लोबिन टेस्ट?
विशेषज्ञों का कहना है कि समय-समय पर हीमोग्लोबिन टेस्ट कराने से एनीमिया की समस्या का जल्दी पता चल जाता है और मरीज समय रहते कदम उठा सकते हैं। खासकर किशोरियों और युवतियों में यह समस्या अधिक देखी जाती है, इसलिए स्कूल स्तर पर ऐसे शिविर बेहद जरूरी हैं।
स्वास्थ्य समधित इस शिवर में अहम जानकारी दी गई।
गांव के लोगों और अध्यापकों ने स्वास्थ्य विभाग के इस प्रयास की सराहना की। अध्यापकों का कहना है कि इस तरह के कैंप से छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मिलती है और वे अपनी आदतों में सुधार कर सकती हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी मोनिका रानी ने अंत में कहा – “स्वस्थ लड़की ही सशक्त परिवार और समाज की नींव है। हमें मिलकर इस अभियान को सफल बनाना है।
जांडली कलां के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित यह स्वास्थ्य जांच शिविर छात्राओं की सेहत सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है। यह पहल न केवल ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता फैला रही है, बल्कि भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लाभकारी साबित होगी।
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