आज से पनीर से लेकर कार तक सब सस्ते, बढ़ेगी आम आदमी की बचत — संशोधित GST दरों से अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति

आज देखे GST संशोधित दरें 22 सितंबर 2025 से लागू: पनीर, दूध, साबुन, टूथपेस्ट जैसे रोजमर्रा के सामानों पर कर घटा; कारें भी होंगी सस्ती; जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पूरी तरह कर-मुक्त — जानिए कैसे आम आदमी की जेब पर असर और देश की अर्थव्यवस्था कैसे लाभान्वित होगी।
दिल्ली ब्यूरो: THE ASIA PRIME / TAP News
दिल्ली: आज से यानी 22 सितंबर 2025 से भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) में ऐतिहासिक बदलाव लागू हो रहे हैं, जिन्हें “GST 2.0” या “Next-Generation GST” कहा जा रहा है। ये बदलाव खासकर आम आदमी के खर्चे को कम करने और देश की अर्थव्यवस्था को नई गति देने के उद्देश्य से किए गए हैं। आइए जानें कि क्या बदला है, किन चीज़ों पर राहत मिली है, और ये बदलाव आप पर किस तरह सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
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1.आज बदल जाएगी कुछ प्रोडक्ट पर GST की Slab-संरचना
GST परिषद ने 3 सितंबर 2025 को फैसला किया कि देश में GST स्लैबों की संख्या चार से घटाकर दो + एक विशेष स्लैब कर दी जाए।
अब मुख्य स्लैब होंगे: 5% और 18%।
इसके अलावा एक विशेष दर 40% लागू होगी उन वस्तुओं पर जो लग्जरी या “sin goods” (जैसे सिगरेट, बकरी की पूरक शराब, तम्बाकू, बहुत महँगे वाहन आदि) के रूप में मानी जाएँगी।
2. किन उत्पादों पर बड़े पैमाने पर GST में सरकार ने राहत दी
नीचे कुछ मुख्य श्रेणियाँ हैं जिनपर कर दर कम हुई है या कर पूरी तरह से खत्म हो गया है:
खाद्य पदार्थ:
पनीर / छेना, अल्ट्रा हाई-टेम्परेचर दूध, देशी रोटियाँ जैसे रोटी, पराठा, चपाती आदि — इन पर अब 0% GST लगेगा।
जीवन-रक्षक दवाएँ: 33 तरह की दवाएं जिनमें गंभीर बीमारियों के लिए प्रयोग होने वाली दवाएँ शामिल हैं, अब कर-मुक्त होंगी।
दैनिक उपयोग की चीज़ें: साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, घरेलू सामान जैसे किचनवेयर, टूटी-ब्रश इत्यादि अब 5% GST पर आ जाएँगे, पहले ये 18% / 12% स्लैब में थे।
इलेक्ट्रॉनिक्स और durable सामान: टीवी, एसी, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि अब 18% की दर पर होंगे (पहले 28%)।
ऑटोमोबाइल्स (वाहन): छोटे-से-छोटे कारें और मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 350cc तक है — कर दर अब 18% होगी।
बीमा (Insurance): व्यक्तिगत जीवन-बीमा और स्वास्थ्य बीमा अब पूरी तरह से कर-मुक्त कर दिए गए हैं।
3. किन चीज़ों पर GST बढ़ा है या नया स्लैब लागू हुआ है
हर चीज़ सस्ती नहीं हुई है — कुछ चीज़ों पर कर दर बढ़ी है या नए टैक्स स्लैब निर्देशित किए गए हैं:
लग्जरी वस्तुएँ, बहुत महँगी कारें, बड़े इंजन वाली मोटरसाइकिलें, तम्बाकू एवं सिगरेट जैसी चीज़ों पर अब 40% GST लागू होगा।
कुछ “sin goods” (जैसे तम्बाकू, कुछ नशीले पदार्थ) पर भी ये विशेष दर लगेगी।
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4. GST कम होने पर आम आदमी के लिए क्या-क्या लाभ होंगे
ये बदलाव सिर्फ सरकार की नीति नहीं हैं — इनका सीधा असर होगा आम लोगों की जेब पर:
1. क्या GST कम होने से लोगो की बचत बढ़ेगी
रोजमर्रा का सामान जैसे दूध, पनीर, ब्रेड-रोटी, साबुन आदि की कीमतें कम होंगी, जिसका मतलब है कि रोजमर्रा का खर्च घटेगा।
2.क्या GST कम होने से लोगो की खपत बढ़ेगी
बची हुई धनराशि लोग अन्य जरूरतों पर खर्च करेंगे। इससे घरेलू खपत में इज़ाफा होगा, जो आर्थिक वृद्धि को प्रेरित करेगा।
3. मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग को राहत
ये बदलाव खासकर उन लोगों के लिए ज़रूरी हैं जो रोज-रोज़ की जरूरतों पर अधिक खर्च करते हैं — उनके खर्चे में वास्तविक कमी आएगी।
4. Inflation पर नियंत्रण
जब ज़रूरी सामानों की कीमतें कम होंगी, तो आम मुद्रास्फीति (Inflation) पर दबाव कम पड़ेगा। लोगों की जीवनयापन की लागत घटेगी।
5. आर्थिक गतिविधियों में तेजी
जैसे-जैसे खर्च बढ़ेगा, उत्पादन और व्यापार का चक्र तेज़ होगा। बाजारों में मांग बढ़ेगी — इससे छोटे व्यापारियों और उद्योगों को भी फायदा होगा।
5. आर्थिक और सरकारी दृष्टि से प्रभाव
सरकार को कुछ राजस्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि कई वस्तुओं पर कर दर कम हुई है।
लेकिन इस कमी का आकलन ये है कि खपत में वृद्धि, बचत वृद्धि और आर्थिक गति से उससे प्राप्त लाभ सरकार के लिए भी बड़े होंगे।
साथ ही, ये बदलाव त्योहारों के सीज़न से जुड़े हैं (जैसे Navratri आदि) — जिससे消费 बढ़े और दुकानदारों, निर्माण कार्यों और लॉजिस्टिक आदि क्षेत्रों में उछाल आए।
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6.GST कम होने से क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं?
हर नीति की तरह इस बदलाव के भी कुछ जोखिम और चुनौतियाँ हैं:
दुकानों और विक्रेताओं को अपने बिलिंग सिस्टम, टैक्स सिस्टम को अपडेट करना होगा।
यह भी हो सकता है कि कुछ वस्तुओं की नई दरों के अनुसार स्टॉक पहले से तैयार हो और कीमतों में बदलाव देर से पहुंचे।
-Luxury और sin goods पर बढ़े हुए कर से उन उद्योगों को असर होगा जो वे उच्च-मूल्य उत्पाद बनाते हैं।
आखिर GST का पूरा निचोड़।
संशोधित जीएसटी दरें बड़े पैमाने पर आम आदमी के लिये राहत की खबर हैं। पनीर, रोटी-पराठा, दूध, साबुन-शैम्पू से लेकर कारों तक, बहुत सी चीज़ें अब सस्ती होंगी। जिसका सीधा लाभ होगा आपकी बचत में। साथ ही, जब लोगों के पास खर्च करने के लिये बचत बढ़ेगी, तो अर्थव्यवस्था में नया ज़ोर आएगा — बाजार में मांग बढ़ेगी, व्यापार बढ़ेगा, उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। ये बदलाव सिर्फ़ कीमतों के लिए नहीं, बल्कि जीवनस्तर सुधार, आर्थिक समावेशन और विकास के लिए भी एक बड़ा कदम हैं।