रेवाड़ी: 13 साल पहले आईं छात्राओं की साइकिलें नहीं बंटी, कबाड़ बनीं – अब रिकॉर्ड भी गायब

रेवाड़ी जिले में सरकारी लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। लगभग 13 साल पहले (2011-12 में) सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के तहत एससी वर्ग की गरीब छात्राओं को स्कूल आने-जाने में मदद के लिए करीब 7.50 लाख रुपये की लागत से 250 साइकिलें खरीदी गई थीं। लेकिन यह साइकिलें आज तक छात्रों तक नहीं पहुँच सकीं और सरकारी बॉयज स्कूल के एक कमरे में बंद रहकर कबाड़ बन गईं।
The ASIA PRIME / TAP News
आज, इन साइकिलों की हालत इतनी खराब है कि लोहे में जंग लग चुका है, टायर-ट्यूब गल गए हैं और ग्रीस पूरी तरह सूख चुका है। हैरानी की बात यह है कि विभाग के पास इनका कोई रिकॉर्ड भी मौजूद नहीं है।
स्थानीय लोगों व स्कूल स्टाफ के अनुसार, इन साइकिलों को तत्कालीन अधिकारियों ने कभी बांटा ही नहीं। बताया जाता है कि स्कूल ने निदेशालय को इस बारे में कई बार लिखा भी, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला।
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👉 जिन छात्राओं के लिए यह साइकिलें खरीदी गई थीं, वे अब बड़ी होकर अपने परिवार बसा चुकी हैं। लेकिन योजनाओं का लाभ पाने की बजाय यह संसाधन सरकारी उपेक्षा की भेंट चढ़ गए।
अधिकारियों का इस मामले से पल्ला झाड़ना ।
जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) सुभाष चंद्र यादव ने कहा कि यह साइकिलें सर्व शिक्षा अभियान की हैं, और उनके पास रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर (DPC) राजेंद्र शर्मा ने कहा कि वह रिकॉर्ड देखकर ही कुछ बता पाएंगे।
बीईओ राजेश वर्मा का कहना है कि फिलहाल उन्हें जानकारी नहीं है, रिकॉर्ड चेक किया जाएगा।
आखिर सवाल क्यो उठे ।
आखिर 13 साल तक विभाग ने इन साइकिलों की सुध क्यों नहीं ली?
छात्रों के लिए आई इस योजना को क्यों दबाकर रखा गया?
और अब जब साइकिलें कबाड़ हो चुकी हैं तो इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा?
यह मामला साफ दिखाता है कि किस तरह योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुँचने की बजाय फाइलों और लापरवाही के बोझ तले दबकर बेकार हो जाता है।