भिवानी शिक्षिका हत्याकांड: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा, आंखें और श्वसन नली गायब; हरियाणा में उबाल

जघन्य शिक्षिका हत्याकांड : आंखें, भोजन व श्वास नली गायब; गर्दन मात्र 5 सेमी बची, हरियाणा में आक्रोश उबाल पर
ब्यूरो :The Asia Prime /TAP News
भिवानी (हरियाणा)। भिवानी जिले के सिंघानी गांव में महिला शिक्षिका मनीषा की हत्या ने पूरे प्रदेश को दहला दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस वारदात की ऐसी वीभत्स सच्चाई उजागर की है, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। रिपोर्ट के मुताबिक मनीषा की दोनों आंखें, भोजन और श्वास नली गायब मिलीं, वहीं गला इतनी क्रूरता से रेता गया कि गर्दन का मात्र 5 सेंटीमीटर हिस्सा ही बचा था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोली क्रूरता की परतें
चार पन्नों की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार —
गर्दन पर 29.5 सेंटीमीटर लंबा और 16 सेंटीमीटर चौड़ा गहरा घाव पाया गया।
आंखें, भोजन और श्वसन नली पूरी तरह गायब थीं।
कई आंतरिक अंग भी अनुपस्थित मिले।
रिपोर्ट से साफ है कि हत्या योजनाबद्ध और क्रूर तरीके से की गई।
दुष्कर्म पर संशय, 10 सैंपल जांच के लिए सुरक्षित
प्राथमिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, चिकित्सकों ने डीएनए, वजाइनल स्वैब और अंडर गारमेंट्स सहित 10 सैंपल जांच के लिए सुरक्षित किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही दुष्कर्म की संभावना स्पष्ट हो सकेगी।
आंदोलन की आग भिवानी से हिसार तक
हत्या के चार दिन बाद भी आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं। ग्रामीणों और परिजनों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।
दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे पर बार-बार जाम लगाया जा रहा है।
जूई, तोशाम, बहल और लोहारू कस्बों में कैंडल मार्च और बाजार बंद कराए गए।
लोगों का आरोप है कि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो मनीषा की जान बच सकती थी।
भिवानी के एसपी मनबीर सिंह समेत 10 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन प्रदर्शनकारी लगातार गिरफ्तारी और त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं।
“दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए”
ग्रामीणों और युवाओं ने प्रदर्शन में कहा कि इस कृत्य ने इंसानियत को शर्मसार किया है। दोषियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसी वारदात करने की हिम्मत न कर सके।
निष्कर्ष
मनीषा हत्याकांड केवल एक जघन्य अपराध नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन दोनों के लिए गहरी चेतावनी है। जब तक दोषियों को सख्त और त्वरित सजा नहीं मिलती, तब तक यह आक्रोश थमने वाला नहीं दिख रहा।