खजूरी जाटी के लक्ष्य मांझू ने मर्चेंट नेवी में हासिल की ऑल इंडिया 600 रैंक, तोलानी मैरिटाइम यूनिवर्सिटी पूना में दाखिला

लक्ष्य मांझू ने IMU परीक्षा में देशभर में हासिल की 600वीं रैंक, तोलानी मरीन यूनिवर्सिटी में हुआ दाखिला
खजूरी जाटी, fatehabad– गाँव के होनहार युवा लक्ष्य s/o अशोक कुमार मांझू ने ऑल इंडिया लेवल पर गौरव हासिल कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इंडियन मैरिटाइम यूनिवर्सिटी (IMU-CET) 2025 की राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में लक्ष्य ने ऑल इंडिया 600वीं रैंक हासिल की है। इसके साथ ही उनका चयन एशिया की अग्रणी समुद्री शिक्षा संस्थान तोलानी मैरिटाइम यूनिवर्सिटी, पुणे (Tolani Maritime Institute) में हुआ है।
यह सफलता केवल लक्ष्य की नहीं, बल्कि पूरे खजूरी जाटी गाँव के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। लक्ष्य का चयन बीटेक मरीन इंजीनियरिंग (B.Tech Marine Engineering) कोर्स के लिए हुआ है, जो देशभर के हजारों छात्रों के लिए एक कठिन चुनौती होती है।
👨🎓 पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
लक्ष्य के पिता श्री अशोक कुमार मांझू, और दादा श्री दानाराम मांझू एक साधारण ग्रामीण परिवेश से संबंध रखते हैं। कठिन आर्थिक परिस्थिति के बावजूद लक्ष्य ने अपने दृढ़ संकल्प, मेहनत और आत्मविश्वास से यह मुकाम हासिल किया।
लक्ष्य ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय से पूरी की और उसके बाद मर्चेंट नेवी की तैयारी के लिए खुद को समर्पित कर दिया। उन्होंने नियमित पढ़ाई, टेस्ट सीरीज़ और मॉक टेस्ट्स के जरिये अपनी कमजोरियों को पहचाना और उन्हें सुधारते गए।
🏆 तोलानी यूनिवर्सिटी का चयन
तोलानी मैरिटाइम यूनिवर्सिटी, पुणे, एशिया के प्रतिष्ठित समुद्री संस्थानों में से एक है, जहाँ दाखिला पाना हर छात्र का सपना होता है। IMU-CET में शानदार रैंक के आधार पर लक्ष्य का चयन इस विश्वविद्यालय में हुआ है। यहाँ से पढ़ाई पूरी करने के बाद लक्ष्य को इंटरनेशनल शिपिंग कंपनियों में नौकरी मिलने की संभावना होती है।
🙌 गाँव और समाज में खुशी की लहर
खजूरी जाटी गांव में लक्ष्य की इस सफलता पर उत्सव जैसा माहौल है। सामाजिक संस्थाओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने लक्ष्य को सम्मानित करने की घोषणा की है। युवाओं को अब मर्चेंट नेवी के क्षेत्र में भी अपने करियर को देखने की प्रेरणा मिल रही है।
परिवार का संदेश
लक्ष्य के पिता अशोक कुमार मांझू ने कहा, “मेरे बेटे ने आज हमारे पूरे गांव का नाम रोशन किया है। हम चाहते हैं कि हमारे जैसे ग्रामीण क्षेत्र के और बच्चे भी आगे आएं और देश-दुनिया में नाम कमाएं।”