
ब्रेकिंग न्यूज़: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से दिया इस्तीफा!
*नई दिल्ली, [THE ASIA PRIM] TAP News/ देश को बड़ा झटका देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस अचानक फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
**मुख्य बिंदु:**
– उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपा, अभी तक कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया।
– यह फैसला उनके कार्यकाल के मध्य में आया है, जिससे राजनीतिक विश्लेषक हैरान हैं।
– कुछ सूत्रों का दावा है कि यह निजी कारणों से हो सकता है, जबकि अन्य इसे राजनीतिक मतभेदों से जोड़ रहे हैं।
जन्म और बचपन
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के छोटे गाँव किथाना में हुआ था। वे एक किसान परिवार में जन्मे; उनके पिता श्री गया-चंद व माता श्री केसरी देवी थीं ।
बचपन की पढ़ाई उन्होंने गाँव के प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में की। इसके बाद 1962 में सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में दाखिला लिया, जो उन्होंने मेरिट स्कॉलरशिप पर पूरी की ।
शिक्षा
बी.एससी. (ऑनर्स) फिजिक्स – महाराजा कॉलेज, जयपुर, राजस्थान विश्वविद्यालय से
एलएल.बी. (1978–79) – यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान से ।
वकालत की शुरुआत
1979 में उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट की बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में नामांकन कराया।
1990 में उन्हें सीनियर एडवोकेट की उपाधि दी गई। इसके बाद वे भारतीय सुप्रीम कोर्ट तक मुख्य रूप से कोयला, स्टील एवं वाणिज्यिक मामले लेते रहे ।
राजनीतिक यात्रा
लोकसभा और राज्य विधानसभा
1989–91: पहले सांसद चुने (लोकसभा – झुंझुनू, जनता दल) ।
1990–91: सांसद राज्य मंत्री, संसदीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ।
1993–98: राजस्थान विधान सभा सदस्य (किशनगढ) ।
राजनीतिक सफर में उन्होंने जनता दल, कांग्रेस और बाद में भाजपा का साथ दिया।
पश्चिम बंगाल का राज्यपाल (2019–22)
30 जुलाई 2019 से उन्होंने राज्यपाल के रूप में शपथ ली।
उनका कार्यकाल बेहद सक्रिय रहा, जिसमें उन्होंने सीएम ममता बनर्जी के साथ कई सार्वजनिक रूप से रोचक बहसों में हिस्सा लिया। सोशल मीडिया एवं पारंपरिक मीडिया में उनके और ममता के बीच शब्दों की टकराहट अक्सर चर्चित रही ।
उपराष्ट्रपति पद (2022–25)
16 जुलाई 2022: NDA का उम्मीदवार घोषित
6 अगस्त 2022: उपराष्ट्रपति चुनाव में 528 वोट (74.37%), मार्गरेट अल्वा को परास्त किया ।
11 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद की शपथ दिलाई गई ।
उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य
राज्यसभा के सभापति के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रयास किए, जैसे:
महिला सांसदों को उपसभा अध्यक्षों के पैनल में शामिल कर प्रोत्साहन दिया ।
नए संसद भवन में पहली बार संयुक्त सत्र की अध्यक्षता की ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधिमंडल के नेता रहे:
कंबोडिया (नवंबर 2022), यूके (कोरोनेशन समारोह, मई 2023), ईरान आदि यात्राएँ शामिल हैं ।
व्यक्तिगत जीवन
विवाह: 1979 में डॉ. सुदेश धनखड़ से
संतान: एक बेटी कमन (विवाहिता, होने वाली प्रोफेशनल) ।
सुदेश जी ने भूजल संरक्षण पर 2022 में PhD हासिल की ।
निवास: वर्तमान में Vice President’s Enclave, नई दिल्ली ।
अचानक इस्तीफा – July 2025
21 जुलाई 2025 को धनखड़ ने अचानक उपचार और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया, संविधान के अनुच्छेद 67(a) का पालन करते हुए ।
उनके पत्र में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को धन्यवाद, संसद के सदस्यों की सराहना, तथा “आर्थिक विकास” के दौरान कार्य करने को सम्मान बताया गया ।
दिलचस्प रूप से यह कदम मानसून सत्र के पहले दिन के बाद आया, जब वे सक्रिय रूप से राजसभा की कार्यवाही में शामिल थे; इस पर वरिष्ठ सूत्र और विपक्षी नेताओं ने भी सवाल उठाए, जैसे जयराम रमेश ने कहा कि इसमें “पूरी तस्वीर से कहीं अधिक कुछ हो सकता है” ।
आगे का रास्ता
राष्ट्रपति भवन ने नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है; अंतरिम रूप से राज्यसभा में हरीवंश नारायण सिंह सभापति का कार्य संभालेंगे ।
इतिहास में केवल तीन उपराष्ट्रपतियों (VV गिरि, शिवशंकर शेखावत और धनखड़) ने कार्यकाल पूरा नहीं किया ।
निष्कर्ष
जगदीप धनखड़ की बायोग्राफी दृढ़ इच्छाशक्ति, प्रोफेशनलिज्म और बॉर्डरलेस ऊर्जा की मिसाल है — किसान से सीधी राजनीतिक ऊँचाई, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट, मुखर राज्यपाल, और अंतत: भारत के उपराष्ट्रपति बने। उनका इस्तीफा भी स्वास्थ्य के अलावा गहराई वाले राजनीतिक संकेत देता है, जिसे बाद में स्पष्ट होना बाकी है।