
बिहार चुनाव 2025 से पहले SIR पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला – चुनाव आयोग को राहत
रिपोर्ट: THE ASIA PRIME | दिनांक: 10 जुलाई 2025
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे वोटर लिस्ट के ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (SIR) मामले पर चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने SIR प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला लोकतंत्र और मताधिकार जैसे मूलभूत अधिकारों से जुड़ा है, इसलिए इस पर विस्तृत सुनवाई जरूरी होगी।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग के 24 जून 2025 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया था। उनका तर्क था कि यह आदेश संविधान और 1960 के रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स का उल्लंघन करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा:
“यह मामला मतदाता अधिकारों और लोकतंत्र से जुड़ा हुआ है। हम SIR पर फिलहाल रोक नहीं लगाएंगे, लेकिन विस्तृत सुनवाई जरूरी है।”
कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह सुझाव भी दिया कि वह आधार कार्ड, वोटर ID और राशन कार्ड को दस्तावेजों के रूप में मान्यता दे।
चुनाव आयोग की दलील
चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील ने कहा कि:
इससे पहले 2003 में भी इंटेंसिव रिवीजन हुआ था।
इस बार की प्रक्रिया भी कानूनी दायरे में और पारदर्शी है।
चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को दुरुस्त करना जरूरी है।
बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर में संभावित
याचिकाकर्ताओं ने आशंका जताई कि अक्टूबर में अधिसूचना जारी होने की संभावना है और ऐसे में SIR की प्रक्रिया मतदाता सूची में गड़बड़ी या हेरफेर का कारण बन सकती है।
निष्कर्ष
फिलहाल SIR प्रक्रिया पर रोक नहीं लगी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि यह मुद्दा लोकतंत्र से जुड़ा है और इस पर गहन सुनवाई होगी। चुनाव आयोग को राहत मिली है लेकिन याचिकाओं के आधार पर भविष्य में प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।