ओडिशा के बौद्ध जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 12 साल का बच्चा सोशल मीडिया पर रील बनाने के चक्कर में अपनी जान को खतरे में डाल बैठा।
#THEASIAPRIME Exclusive | रील के लिए रेल की पटरी पर ज़िंदगी दांव पर!
“बस एक Reel बन जाए…” — और ज़िंदगी भर की सज़ा!”
ओडिशा के बौद्ध जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 12 साल का बच्चा सोशल मीडिया पर रील बनाने के चक्कर में अपनी जान को खतरे में डाल बैठा।
घटना स्थल: तालुपाली के पास पुरुनापानी स्टेशन
आरोपी: 12 वर्षीय लड़का
मकसद: वायरल Reel बनाना
साथी: दोस्त ने वीडियो शूट किया
कार्यवाही: RPF ने केस दर्ज कर लिया है
Reel का शौक — ज़िंदगी से खेल
इस मासूम बच्चे ने ट्रेन के नीचे लेट कर रील बनाई, वो भी बिना यह सोचे कि अगर ज़रा सी चूक हो जाती, तो आज एक और जान चली जाती।
सोचिए — 12 साल की उम्र, जब बच्चों के हाथ में किताबें होनी चाहिए, तब मोबाइल और सोशल मीडिया की लत उन्हें सीधे मौत के मुंह में ले जा रही है।
सोशल मीडिया का नशा या समाज की नाकामी?
आज के दौर में हर तीसरा बच्चा “फेमस” होना चाहता है।
पर क्या हमनें कभी सोचा —
ये “फेमस” होने की चाह कहां से आ रही है?
क्यों बच्चे मौत से खेलने लगे हैं?
जवाब सीधा है — Reel की नहीं, अब ज़रूरत है Real परवरिश की।
कानून क्या कहता है?
रेलवे संपत्ति से छेड़छाड़ या जानबूझकर ख़तरा पैदा करने पर:
रेलवे एक्ट की धारा 147, 150, 151, 152 के तहत सख्त सज़ा और जुर्माना हो सकता है
नाबालिग होने पर भी अभिभावकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है
The ASIA PRIME की अपील
प्रिय माता-पिता और युवाओं,
सोशल मीडिया पर “Like, View, और Viral” होने की दौड़ ने बच्चों को ज़िंदगी से भटका दिया है।
ये वक़्त है जागने का, रोकने का और समझाने का।
अपने बच्चों को रील नहीं, रियल लाइफ का हीरो बनाएं।
उन्हें बताएं कि फेमस होने से ज़्यादा ज़रूरी है — ज़िंदा रहना।
“सोचिए — अगर एक रील के लिए आपकी ज़िंदगी चली गई, तो क्या वाकई वो worth it थी?”