मेरा मेडल घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने वाली बेटियों के नाम” – स्वीटी बूरा

“मेरा मेडल घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने वाली बेटियों के नाम” – स्वीटी बूरा
स्वीटी की रिंग में वापसी बनी महिलाओं के संघर्ष की आवाज
हिसार की अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर स्वीटी बूरा ने एक बार फिर दिखा दिया कि असली मुकाबले सिर्फ रिंग में नहीं, जिंदगी में भी होते हैं। तेलंगाना, हैदराबाद में हुई राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में उन्होंने 75-80 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता — और यह जीत उन्होंने घरेलू हिंसा के खिलाफ खड़ी होने वाली बेटियों को समर्पित की।
8 महीने बाद वापसीस्वीटी का अपने पति, अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी दीपक के साथ विवाद चल रहा था। मानसिक तनाव और घरेलू विवाद के कारण वह 8 महीने तक रिंग से दूर रहीं। लेकिन परिवार के समर्थन और मेडिटेशन व प्रैक्टिस के सहारे उन्होंने दोबारा कमर कसी।
“मैं मानसिक रूप से टूट चुकी थी, लेकिन परिवार ने मेरा हौसला बढ़ाया। मैंने खुद को संभाला और 8-9 घंटे की प्रैक्टिस से फिटनेस दोबारा हासिल की।”
गोल्ड मेडल उस संघर्ष की जीत है जो अक्सर पर्दे के पीछे रह जाता है
डेढ़ माह तक एनबीए रोहतक में बहन के साथ की कड़ी ट्रेनिंग
साई (SAI) की ओर से खेलते हुए रेलवे की खिलाड़ी अल्फिया को हराया
1 जुलाई को टूर्नामेंट खत्म, और स्वीटी ने रच दिया इतिहास
स्वीटी का संदेश:”ये मेडल उन बेटियों के नाम है जो चुप नहीं रहतीं, आवाज उठाती हैं।”