भारत के प्रमुख 5 शहरों में इन स्टार्टअप्स पर नजर: LinkedIn ने जारी किया “Top Start-ups by City” सूची

LinkedIn ने भारत के 5 प्रमुख शहरों में आने वाली स्टार्टअप्स की एक विशेष सूची जारी की है, जिसमें इन शहरों के नये और तेजी से बढ़ते उद्यमों को स्थान मिला है। इस पहल से यह स्पष्ट हो रहा है कि भारत का स्टार्टअप परिदृश्य सिर्फ मेट्रो सिटी तक सीमित नहीं रहा।
Delhi ब्यूरो: THE ASIA PRIME /TAP News
पेशेवर नेटवर्क LinkedIn ने हाल ही में भारत के पाँच प्रमुख शहरों — उदाहरण के लिए बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई तथा हैदराबाद (या उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) — में “Top Start-ups by City” का विश्लेषण जारी किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इन शहरों में युवा उद्यमियों की गतिविधि तेजी से बढ़ रही है, निवेश आकर्षित हो रहा है और प्रतिभा केंद्रित हो रही है।
Linkedin रिपोर्ट के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
बेंगलुरु इस सूची में शीर्ष पर है, जहाँ टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स का “सिलिकॉन वैली” जैसा माहौल बनता जा रहा है।
सूची में शामिल स्टार्टअप्स का चयन चार मुख्य मानदंडों के आधार पर हुआ है: कर्मचारियों की वृद्धि, नौकरी खोजने वालों की रुचि, सदस्यों की (engagement), और प्रतिभा आकर्षित करने की क्षमता।
वर्ष 2024-25 में ऐसी कई स्टार्ट-अप्स सामने आई हैं जो ई-कॉमर्स, फिनटेक, क्लाउड सॉफ्टवेयर तथा ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
इनमें से कुछ नये उद्यम हैं: Zepto (मुंबई आधारित, फास्ट ग्रोथ ई-ग्रोसरी), Sprinto (बेंगलुरु, कंप्लायंस सॉफ्टवेयर), Lucidity (बेंगलुरु, डेटा एआई सॉल्यूशंस) आदि।
स्टार्टअप क्यों है यह महत्वपूर्ण?
भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से बदल रहा है सिर्फ मेट्रो सिटीज़ तक सीमित नहीं। इन पाँच शहरों में काम-काज, निवेश और प्रतिभा का नया केंद्र बन रहा है। युवाओं में उद्यमिता की लहर है और कंपनियाँ इन शहरों में बेस कर रही हैं। इससे रोजगार के नए अवसर बनेंगे और पारंपरिक नगरीय केन्द्रों के बाहर भी विकास का रास्ता खुलेगा।
स्टार्टअप आपके लिए क्या मायने रखता है?
अगर आप स्टार्ट-अप, टेक्नोलॉजी या नवोन्मेष (innovation) में करियर बनाना चाहते हैं, तो इन शहरों पर नज़र रखें।
कंपनियों को प्रतिभाशाली युवाओं की तेजी से ज़रूरत है — इसलिए आपकी प्रोफाइल, स्किल-सेट, और नेटवर्किंग इस दिशा में बहुत काम आएगी।
उन युवाओं और पेशेवरों के लिए यह एक संकेत है कि अब “बड़ी कंपनी = मेट्रो शहर” का फार्मूला बदल रहा है; टियर-2 और टियर-3 सिटीज़ भी विकल्प बनते जा रहे हैं|