भैरव बटालियन नवंबर से देश की सीमाओं पर मोर्चा संभालेगी : लोंगेवाला में ‘थार शक्ति’ अभ्यास के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी तैनाती को अंतिम मंजूरी

भारतीय सेना की नई गठित भैरव बटालियन नवंबर से पश्चिमी सीमाओं पर अपनी पहली तैनाती के साथ राष्ट्र की नई युद्ध शक्ति का प्रतीक बनने जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 अक्टूबर को राजस्थान के जैसलमेर स्थित लोंगेवाला युद्धक्षेत्र का दौरा कर इस बटालियन के साथ सैनिकों से बातचीत की और उनके प्रशिक्षण, दक्षता और तैयारी की समीक्षा की। सिंह ने ‘थार शक्ति’ अभ्यास के दौरान नवगठित भैरव बटालियन के जवानों के उत्साह को सराहा और इसे भारतीय सेना की आधुनिक और घातक लड़ाकू क्षमताओं का नया अध्याय बताया
जेसलमेर ब्यूरो: THE ASIA PRIME/TAP NEWS
जेसलमेर।भैरव बटालियन को हल्के, गतिशील और उच्च-तीव्रता वाले अभियानों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इस बटालियन में पैदल सेना, तोपखाने, सिग्नल और वायु रक्षा शाखाओं से चुने गए 250 जवान शामिल होंगे। सेना के महानिदेशक (इन्फैंट्री) लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार के अनुसार, आने वाले छह महीनों में ऐसी कुल 25 बटालियनें गठित की जाएंगी जो विशेष बलों और सामान्य पैदल सेना के बीच की क्षमता की खाई को पाटेंगी |
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लोंगेवाला में आयोजित ‘थार शक्ति अभ्यास‘ के दौरान रक्षा मंत्री ने सेना के आधुनिक हथियारों और युद्धक प्रणालियों जैसे टैंक, रोबोटिक म्यूल्स, ड्रोन, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित युद्ध तकनीकों का प्रदर्शन देखा। इस दौरान सिंह ने कहा कि भारतीय सेना नई तकनीक के साथ युद्ध की हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि भैरव बटालियन का गठन केवल एक सैन्य विस्तार नहीं,बल्किआत्मनिर्भर भारत की रक्षा सोच का ठोस प्रमाण है |
रक्षा मंत्री के साथ इस मौके पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, दक्षिण कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जैसलमेर में रक्षा मंत्री ने आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने सेना की परिचालन तैयारियों और संयुक्त युद्ध अवधारणा पर चर्चा की ।
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राजनाथ सिंह ने भैरव बटालियन को ‘भारत की नई रणशक्ति’ बताते हुए कहा कि ये सैनिक आधुनिकतम हथियारों और तकनीक के साथ किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में दुश्मन को मात देने की क्षमता रखते हैं। पाकिस्तान और चीन सीमा दोनों पर इन बटालियनों की तैनाती भारत की रणनीतिक तैयारियों को और मजबूत बनाएगी। रक्षा मंत्री ने यह भी जोर दिया कि सेना की यह नई शक्ति देश के गौरव और आत्मविश्वास का प्रतीक है, जो यह संदेश देती है कि भारत किसी भी खतरे का जवाब अपनी शर्तों पर देने में सक्षम है ।
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