
दशहरा और विजयादशमी को अक्सर एक ही पर्व माना जाता है, लेकिन इनके अर्थ और महत्व में रोचक बातें छिपी हैं। जानें भगवान राम की रावण पर विजय और देवी दुर्गा की महिषासुर पर जीत की कहानी।
ब्यूरो:THE ASIA PRIME /TAP News
📜 02 अक्टूबर – दशहरा और विजयादशमी स्पेशल 📜
दशहरा और विजयादशमी दोनों ही भारत के प्रमुख त्योहारों में गिने जाते हैं और अक्सर लोग इन्हें एक ही पर्व समझते हैं। दरअसल, ये दोनों नाम एक ही पर्व के दो अलग-अलग रूप हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं को दर्शाते हैं।
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दशहरा का अर्थ और महत्व
उत्तर और पश्चिम भारत में इसे “दशहरा” कहा जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध करके माता सीता को मुक्त कराया था। दशहरा शब्द “दश” (दस) और “हारा” (हार) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “दस सिरों वाले रावण की हार”। इस दिन रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश दिया जाता है।
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विजयादशमी का अर्थ और महत्व
दक्षिण भारत, पूर्वी भारत और नेपाल में इसे “विजयादशमी” कहा जाता है। यह नवरात्रि के दसवें दिन देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय के रूप में मनाई जाती है। “विजया” का अर्थ है जीत और “दशमी” का अर्थ है दसवां दिन। यह दिन शक्ति, साहस और धर्म की विजय का प्रतीक है।
दोनों पर्व का आपसी संबंध
हालांकि नाम अलग-अलग हैं, लेकिन संदेश एक ही है – सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है।