
लद्दाख के लेह में राज्यhood (राज्य का दर्जा) की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों में हिंसा भड़क गई। इस झڑप में कम से कम 4 लोगों की मौत हुई है और 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारी और सुरक्षा बलों के बीच टकराव की स्थिति तब उत्पन्न हुई जब युवाओं ने पत्थरबाज़ी शुरू कर दी। घटना के दौरान बीजेपी कार्यालय को आग के हवाले किया गया और एक सुरक्षात्मक वाहन भी जला दिया गया। पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। प्रशासन ने कर्फ्यू लागू किया और सामूहिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है|
ब्यूरो THE ASIA PRIME / TAP News
🗓️ घटना दिनांक: 24 सितंबर 2025
📍 स्थान: लेह, लद्दाख
रिपोर्ट:Satbir jandli
विस्तृत घटनाक्रम और विश्लेषण
1लद्दाख में राज्यhood की पृष्ठभूमि और मांग ।
लद्दाख के लोग लंबे समय से राज्यhood, संविधान के छठे अनुसूची में शामिल करने, भूमि एवं कृषि अधिकार, और जॉब आरक्षण जैसे मांगें लेकर आवाज़ उठा रहे हैं।
वर्तमान आंदोलन को स्थानीय युवा संगठन Leh Apex Body (LAB) द्वारा बुलाया गया था।
प्रदर्शन के पहले एक भूख हड़ताल की इस प्रक्रिया ने माहौल को संवेदनशील बना दिया था।
2.लदाख में हिंसा कैसे भड़क उठी
प्रदर्शन शांतिप्रिय शुरुआत था, लेकिन कुछ युवाओं द्वारा पत्थर फेंके जाने पर स्थिति बिगड़ी।
एक BJP कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया और एक सुरक्षा वाहन भी जला दिया गया।
पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया, जिससे भीड़ को हटा दिया गया।
3. आंदोलन में हताहत और घायल का आंकड़ा।
सरकारी एवं मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 4 लोगों की मौत हुई है।
70+ लोग घायल हुए हैं, जिनमें गंभीर रूप से घायल लोग भी शामिल हैं।
कुछ रिपोर्टों में घायल संख्या को “30+” बताया गया है, लेकिन व्यापक रिपोर्टों ने 70 से अधिक बताया है।
अरुणाचल प्रदेश की 90 बेटियों का संघर्ष: 65 KM पैदल यात्रा के बाद स्कूल में टीचर नियुक्त
4.अब प्रशासनिक कदम और प्रतिबंध
लेह प्रशासन ने कर्फ्यू और सार्वजनिक सभा प्रतिबंध लागू किए हैं।
धारा 163 के अंतर्गत नगर सुरक्षा कानून लागू किया गया है, जिससे पांच या उससे अधिक लोगों की सभा, रैली, जुलूस पर रोक लगी है।
आगे की बातचीत और तनाव नियंत्रित करने की कोशिशें प्रशासन द्वारा की जा रही हैं।
5. लदाख की जनता की प्रतिक्रियाएँ और आह्वान
सोनम वांगचुक, जो भूख हड़ताल में थे, उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त की और शांति बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने युवाओं से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की और किसी भी जीवन हानि के लिए अस्वीकृति जताई।
मोदी बोले किसानों की ढाल, लेकिन कपास आयात शुल्क खत्म – किसानों की नाराज़गी
स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक राजनीतिक दलों ने घटना की निंदा की है और कहा है कि संवाद के जरिए समाधान करना चाहिए।
लेह में हुए इस हिंसक आंदोलन ने एक शांतिप्रिय राजनीतिक मांग को खूनखराबे में बदल दिया। 4 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हुए — यह हमारे लोकतंत्र और संवेदनशीलता के लिए चिंताजनक संकेत है।