#BreakingNews: पंजाब में बाढ़ से 46 की मौत, PM मोदी 9 सितंबर को प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे

पंजाब में हाल की भीषण बाढ़ से 46 लोग मारे गए, 1.75 लाख हेक्टेयर फसल तबाह और लगभग 1.9 हजार गांव प्रभावित—प्रधानमंत्री 9 सितंबर को गुद्दासपुर जाकर राहत कार्यों का जायजा लेंगे।
ब्यूरो: The ASIA PRIME / TAP News
पंजाब में मानसून के बाद आई ऐतिहासिक बाढ़ ने राज्य में व्यापक तबाही मचा दी है। अब तक 46 लोगों की जान जा चुकी है, लगभग 1.75 लाख हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गई है, और करीब 1,900 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तरीय गति से जारी हैं।
बाढ़ से हुई तबाही – ताज़ा आंकड़ों में:
46 मौतें, जिसमें हाल ही में 3 और जीवन गंवाने वालों की पुष्टि हुई है।
3.87 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
लगभग 1.75 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद, जो पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी है।
लगभग 1,996 गांव 23 जिलों में बाढ़ से प्रभावित, जिनमें गुद्दासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर और फाजिल्का प्रमुख हैं।
22,854 लोगों को राहत कैंप में पहुंचाया गया, और 200 से अधिक राहत शिविर स्थापित किए गए।
NDRF, सेना, BSF और राज्य पुलिस की टीमें पूरे राज्य में जाने और राहत कार्यों में लगी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब दौरा:
इन परिस्थितियों के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे। वे विशेष रूप से गुद्दासपुर जाकर बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेंगे और वहां के लोगों से मिलकर राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे।
इसके साथ ही, एक व्यापक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की संभावना भी जताई जा रही है।
पंजाब सरकार की प्रतिक्रिया:
पंजाब सरकार ने हालात का सामना करने के लिए मेसूर प्रयास किए हैं—एमएलए ने अपनी एक महीने की सैलरी दान की है, राज्य ने 71 करोड़ रुपये की सहायता राशि का एलान किया है, जबकि दिल्ली सरकार ने भी 5 करोड़ रूपए की मदद उपलब्ध कराई है।
मगर वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र व्यापक सहायता देने में विफल रहा है और 60,000 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान रुका हुआ है। उन्होंने केंद्र की उदासीनता को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है।
बाढ़ प्रभावित किसानों और ग्रामीणों की देनीय हालत:
पंजाब की फसल, जो राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था का आधार है, भारी नष्ट हुई है। लगभग 1.71 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हो चुकी है, खासकर गुद्दासपुर में 40,169 हेक्टेयर की फसल प्रभावित हुई है।
कटाई और बुवाई दोनों प्रभावित हुए हैं, जिससे किसानों की आमदनी और भविष्य दोनों खतरे में हैं। राहत और पुनर्वास कार्यों की त्वरित आवश्यकता बनी हुई है।
पंजाब के लोगो ओर सरकार के सामने आगे की चुनौतियाँ:
पुनर्वास योजनाओं की गारंटी: प्रभावित परिवारों को आवास, रोजगार और फसल मुआवजा उपलब्ध होना चाहिए।
बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण: सड़कें, पुल, और बिजली–पानी की व्यवस्था को तत्काल बहाल किया जाना चाहिए।
भविष्य के लिए बेहतर तैयारी: सतत ड्रेनेज प्रणाली, बांधों की क्षमता, और अग्रिम चेतावनी प्रणाली जैसे कदम जरूरी हैं ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से पूर्व ही निपटने में मदद मिल सके।
यह बयान जितना दर्दनाक है, उतना ही प्रेरणादायी भी तब होता है जब जनता को यह भरोसा हो कि उनका नेतृत्व कठिनाई के वक्त उनके साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री की यह यात्रा इसी आशा का प्रतीक है—अध्यावधि में राहत और दीर्घकाल में पुनर्निर्माण की दिशा में पहला कदम|