BreakingNews: अस्पताल से CM भगवंत मान ने पंजाब पीड़ितों के लिए सबसे बड़े राहत निर्णयों की घोषणा की—₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा, परिवारों को ₹4 लाख, ‘Jisda Khet, Usdi Ret’ योजना
अस्पताल में भर्ती मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ऐतिहासिक राहत पैकेज की घोषणा की—₹20,000 प्रति एकड़ फसल मुआवजा, मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख, ऋणों में छह महीने की छूट और किसान रेत बेच सकते हैं। यह राहत, पंजाब की सबसे बड़ी है।
ब्यूरो :The ASIA PRIME /TAP News
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भारी बाढ़ से प्रभावित किसानों और परिवारों के लिए ऐतिहासिक राहत पैकेज की घोषणा की है। अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह घोषणा की और कहा कि उनका एक भी पल पंजाबियों के संकट को भूलने का नहीं रहा।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए की घोषणा।
₹20,000 प्रति एकड़ रिहायत: यह अब तक राज्य सरकार की ओर से घोषित सबसे ज़्यादा फसल मुआवजा राशि है।
₹4 लाख मुआवजा मृतक परिवारों को: बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को यह राशि दी जाएगी।
‘Jisda Khet, Usdi Ret’ योजना: बाढ़ से प्रभावित खेतों में जमा रेत और सिल्ट निकालकर किसान बेच सकते हैं—जिसके लिए अब तक अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
ऋण स्थगन एवं ब्याजमुक्त अवधि: किसानों को अगले छह माह तक ऋण के किस्तों की देरी और ब्याज से राहत मिलेगी।
घर, पशुधन और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का शीघ्र पुनर्निर्माण: स्कूल, सड़क, बिजली और जन स्वास्थ्य सुविधाओं का युद्धस्तर पर पुनर्निर्माण किया जाएगा।
स्वास्थ्य व सुरक्षा उपाय: 17,000 गांवों और 300 शहरी अभिलेखों में फॉगिंग, चिकित्सा शिविरों और टीकाकरण अभियान चलाए जाएंगे।
बाढ़ संकट का सरकार कर रही है आलोक:
यह बाढ़ पंजाब में लगभग तीन दशक में सबसे भीषण मानी जा रही है—3.5 लाख लोगों को प्रभावित किया गया, 1,400 से अधिक गांव खराब हालत में हैं, और लगभग 3.7 लाख एकड़ खेती प्रभावित हुई।
CM भगवंत मान, जो फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं, ने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत कार्य में देरी बर्दाश्त नही की जाएगी। उन्होंने कहा—”मैं भले अस्पताल में हूँ, पर मेरा दिल और दिमाग पंजाबियों के साथ हैं।”
राजनीतिक पहलू और केंद्रीय सहयोग की मांग
AAP ने BJP नेताओं के ‘फ्लड टूरिज्म’ की आलोचना की है और केंद्र से ₹60,000 करोड़ बकाया राशि जारी करने की मांग की है। यह राशि कृषि, विकास और GST बकाये से संबंधित है।