
“‘संगठन सृजन अभियान’ में हरियाणा कांग्रेस ने 11 साल बाद 32 नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की—जनहित की लड़ाई में नया जोश”
रिपोर्ट: The ASIA PRIME / TAP News
पृष्ठभूमि — संगठन सृजन अभियान की शुरुआत
हरियाणा कांग्रेस ने अपने ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत एक लंबे इंतज़ार के बाद जिला स्तर पर अपना संगठन फिर से खड़ा करने का फैसला लिया है। इसके तहत अर्धलोकतांत्रिक और सलाहकारी प्रक्रिया अपनाकर पहली बार प्रदेश में जिला कांग्रेस कमेटियों (DCC) के अध्यक्षों की नियुक्ति की जा रही है, जिससे जमीनी संगठन को मजबूत करने की उम्मीद है।
नियुक्तियों का प्रोसेस और मानदंड
नियुक्ति प्रक्रिया के तहत AICC और HPCC दोनों की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों ने प्रत्येक जिले में फीडबैक इकट्ठा किया और 6 उम्मीदवारों की प्रारंभिक सूची बनाई।
पात्रता मानदंड में शामिल हैं:
कम से कम 5 साल कांग्रेस में सक्रिय कार्य
आयु सीमा: 35-55 वर्ष
सामाजिक समावेश (SC, BC, महिलायें)
जातिगत प्रतिनिधित्व और स्थानीय लोकप्रियता
AICC महासचिव के. सी. वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी B.K. हरिप्रसाद ने फाइनल नामों पर चयन के लिए वरिष्ठ नेताओं जैसे भूपिंदर हुड्डा, कुमारी शैलजा, उदय भान आदि से विचार-विमर्श किया।
नियुक्तियों की सूची और राजनीतिक पृष्ठभूमि
कांग्रेस ने कुल 32 जिलाध्यक्षों की सूची जारी की है—कई जिलों में शहरी और ग्रामीण दोनों के लिए अलग-अलग अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं।
इन नेताओं में कई भूपिंदर हुड्डा खेमे से जुड़े हुए हैं, जबकि एक महिला नियुक्ति (संतोष बेनीवाल) भी की गई है।
ये नियुक्तियाँ क्यों महत्वपूर्ण हैं?
यह नियुक्तियाँ कांग्रेस का 11 साल बाद पहला ज़मीन से संगठन बनाने का प्रयास हैं, जो पार्टी की चुनावी गति और संगठनात्मक मजबूती के लिए अहम हैं।
DCC अध्यक्षों को आगे चुनाव भूमिकाओं में शामिल होने का अधिकार रहेगा, लेकिन यदि वे चुनाव लड़ना चाहें तो कम से कम 18 महीने पहले पद छोड़ना होगा।
उम्मीदें और चुनौतियां
यह बदलाव पार्टी में नई ऊर्जा और उत्साह लाने की दिशा में पहला कदम है, जो स्थानीय स्तर पर पार्टी की पकड़ बढ़ा सकता है।
हालांकि, संगठनात्मक गुटबाज़ी, अपनी-अपनी फायदाखोरी और हुड्डा माफियाज़ केंद्र की ताकत को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये नियुक्तियाँ केवल दिखावा हो सकती हैं, यदि जमीनी असर न हो.
बिंदु विवरण
संगठन अभियान संगठन सृजन अभियान के तहत पहली बार अगले स्तर पर जिला अध्यक्ष नियुक्त
नियुक्तियों की संख्या 32 नए जिला अध्यक्ष
प्रक्रिया AICC और HPCC पर्यवेक्षकों द्वारा चयन प्रक्रिया
मानदंड 5 वर्ष का काम, 35–55 आयु, जातिगत और सामाजिक समावेशिता
राजनीतिक पृष्ठभूमि कई नियुक्तियाँ हुड्डा खेमे से—संबंधित नेतागण के साथ विचार-विमर्श
महत्व संगठन को ज़मीन पर मजबूत करने की दिशा में पहला कदम
चुनौतियाँ गुटबाज़ी, प्रतिनिधित्व और आंतरिक राजनीति की चिंता बनी हुई
निष्कर्ष
हरियाणा में कांग्रेस का यह संगठनात्मक पुनर्गठन पार्टी को स्थानीय स्तर पर सक्रिय और समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। 32 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति कांग्रेस के लिए एक नया अवसर हो सकता है—बशर्ते यह केवल औपचारिक रूप से न रहकर असल में जमीनी संगठन को ताकत पहुंचाए।