हरियाणा सरकार का बेरहम फैसला: HKRN के 50,000 युवाओं की नौकरी खतरे में

HKRN कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त — सरकार का यह फैसला युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात!
चंडीगढ़ | ब्यूरो:THE ASIA PRIME /TAP News
हरियाणा सरकार द्वारा 5 साल से कम सेवा वाले कच्चे कर्मचारियों को हटाने का निर्णय न केवल संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है, बल्कि यह प्रदेश के मेहनती और ईमानदार युवाओं के भविष्य पर एक सीधा और गंभीर प्रहार है।
HKRN (हरियाणा कौशल रोजगार निगम) के तहत कार्यरत 50,000 से अधिक युवा पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न सरकारी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। इन युवाओं ने उम्मीदों, भरोसे और मेहनत के साथ अपने कंधों पर सरकारी तंत्र को सहारा दिया। लेकिन अब सरकार द्वारा जारी एक आदेश ने सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।❝
युवाओं को दिया गया धोखा, नीतिगत असफलता की मिसाल ❞
एक ओर सरकार रोजगार के वादे करती है, तो दूसरी ओर इतने बड़े स्तर पर सेवाएं समाप्त कर बेरोजगार बना देना सरकार की नीति और नियत दोनों पर सवाल खड़े करता है।
सरकार के इस निर्णय से प्रभावित एक कर्मचारी ने कहा:
“हमने सोचा था कि मेहनत और ईमानदारी से स्थायी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन अब हमें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।”
क्या यही है सुशासन?
जनता अब समझने लगी है कि “परिवर्तन” और “न्याय” जैसे शब्द सिर्फ नारे बनकर रह गए हैं। अगर युवाओं का ऐसा शोषण ही “सुशासन” है, तो शायद सच में — बस यही बाकी था!
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