हरियाणा में गुंडागर्दी की नई लकीर: STF इंस्पेक्टर अनिल चिल्लर रेवाड़ी में घायल, CBI नहीं—STF ही लड़ रहा है पुलिस की सुरक्षा के लिए!

हरियाणा में गुंडागर्दी बेकाबू: रेवाड़ी में STF इंस्पेक्टर पर फ़ायरिंग, गिरफ़्तारी-पूछताछ जारी
फतेहाबाद/गुड़गांव | The Asia Prime
हरियाणा में कानून व्यवस्था का पुराना तना अब चरम पर है— STF के इंस्पेक्टर अनिल चिल्लर पर रेवाड़ी के भठेड़ा गांव में एक्शन के दौरान बंदूकबाज़ों ने गोली चला दी। उन्हें पैर में गोली लगी और उन्हें गंभीर हालत में मेदांता अस्पताल, गुड़गांव रेफ़र किया गया।(turn0news16)
घटना की पड़ताल
मामला रात्रि का है, जब STF टीम संदिग्धों का पीछा कर रही थी। एक चक्कर चौक पर अचानक आरोपियों ने Bolero गाड़ी से पुलिस टीम को टक्कर मारी और बदले में फायरिंग कर दी। उसी दौरान इंस्पेक्टर अनिल चिल्लर को पैर में गोली लगी।(turn0news16)
आगे की कार्रवाई
पूछताछ में जुटे अधिकारी— STF ने एक आरोपी को मौके पर ही गिरफ़्तार कर लिया। यह कार्रवाई लगभग 10–12 राउंड फायरिंग के बाद की गई।(turn0news16)
अगले दिन, बाहादुरगढ़ STF टीम ने गुड़गांव सेक्टर-10 में दो मुख्य आरोपियों—यशपाल (23) और नितिन (28)—को पकड़ लिया। दोनों के पैर में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली लगी।(turn0news17)
आरोपियों की पिस्तौल और 9 खाली कारतूस जब्त किए गए हैं। इनके खिलाफ फायरिंग और पुलिस पर हमला में नया केस दर्ज किया गया है।(turn0search2)
विश्लेषण: सिस्टम कहाँ चूका?
यह पूरी घटना एक संकेत है कि गुंडागर्दी अब पुलिस को भी खुलकर निशाना बना रही है। नियोजित हमला, ऑपरेशन के दौरान भी सुरक्षा की कमी और आरोपी खुलेआम फायरिंग—इन सवालों से इंकार नहीं किया जा सकता।
सवाल उठ रहे हैं:
क्या STF और स्थानीय पुलिस को पर्याप्त सुरक्षा और संसाधन उपलब्ध कराए गए थे?
क्या ऐसी घटनाएं बढ़कर एक प्रणालीगत विफलता का रूप ले रही हैं?
क्या यह घटना कानून व्यवस्था की गिरावट का पैमाना है?
हरियाणा में कानून की मज़बूत दीवार अब कमजोर नज़र आने लगी है— जब STF जैसे विशेष विभाग के अधिकारी निशाने पर आ सकते हैं, तो आम नागरिक की सुरक्षा के सवाल और भी गंभीर हो जाते हैं। अब इंतज़ार है कि सरकार इस चेतावनी को गंभीरता से ले और जेल या जेल से बाहर चलने वाले गुंडों को “सताने-हिलाने” की मनाही के लिए ठोस कार्रवाई करे।