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रामनिवास सुरजाखेड़ा पर 100 करोड़ घोटाले का आरोप

पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा 100 करोड़ घोटाले में ED के शिकंजे में

राजनीति में आने से पहले थे अकाउंटेंट, अब परिवार समेत फंसे मनी लॉन्ड्रिंग केस में

पंचकूला/चंडीगढ़ | The Asia Prime Tap News
हरियाणा की राजनीति एक बार फिर उस वक्त हिल गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और उनके साथियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचकूला की स्पेशल कोर्ट में सनसनीखेज खुलासे किए।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि सुरजाखेड़ा ने राजनीति में आने से पहले पंजाब नेशनल बैंक, मनीमाजरा ब्रांच में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के नाम से फर्जी खाते खोलकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी की थी।

🔍 कैसे किया गया यह घोटाला?

ईडी की चार्जशीट के अनुसार रामनिवास सुरजाखेड़ा, जो एक समय अकाउंटेंट की नौकरी करते थे, ने अपनी जानकारी का दुरुपयोग कर HSVP के नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाए।
इन खातों में सरकारी फंड ट्रांसफर दिखाकर लगभग ₹100 करोड़ का गबन किया गया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि ये खाते पंजाब नेशनल बैंक की मनीमाजरा ब्रांच (चंडीगढ़ के पास) में खोले गए, जिनकी जानकारी HSVP मुख्यालय को नहीं थी।

💵 काले धन की ट्रैकिंग:

ED की जांच में सामने आया कि यह राशि सिर्फ सुरजाखेड़ा के खाते में नहीं गई बल्कि उनकी पत्नी मंजीत, बेटे और अन्य रिश्तेदारों के खातों में भी ट्रांसफर की गई।
इन पैसों से परिवार ने हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में रियल एस्टेट, महंगी गाड़ियां और फार्महाउस खरीदे।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार यह स्पष्ट मनी लॉन्ड्रिंग का केस है।

🏛️ कोर्ट में क्या बोली ED?

पंचकूला की स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कोर्ट में ईडी ने कहा:

> “रामनिवास सुरजाखेड़ा ने एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी संस्था HSVP के नाम का दुरुपयोग कर नकली बैंक अकाउंट बनाए। यह न सिर्फ आर्थिक अपराध है, बल्कि सरकारी तंत्र के साथ धोखाधड़ी है।”

परिवार भी आया घेरे में:

ईडी ने सुरजाखेड़ा की पत्नी मंजीत कौर, बेटे और दामाद को भी आरोपी बनाया है।
इन सभी पर फर्जी कंपनियों और ट्रांजैक्शन के ज़रिए अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।
6 से अधिक संपत्तियां अटैच कर दी गई हैं, जिनकी कीमत बाजार में 80 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। 

क्या है HSVP (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण)?

HSVP (पूर्व में HUDA) हरियाणा सरकार की एक संस्था है जो शहरी क्षेत्रों के विकास, प्लॉट आवंटन और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का कार्य करती है।
इसी संस्था के नाम पर फर्जी अकाउंट खोलना एक गंभीर सरकारी धोखाधड़ी है। 

पिछला रिकॉर्ड क्या कहता है?

रामनिवास सुरजाखेड़ा पहले भी विवादों में रहे हैं।
उनके ऊपर अतीत में ज़मीन घोटाले और दबावपूर्वक प्लॉट आवंटन जैसे आरोप लगे थे, लेकिन राजनैतिक रसूख के चलते मामले दबा दिए गए।
अब केंद्र की एजेंसियों के सक्रिय होने पर यह मामला फिर से सुर्खियों में है।

जनता की प्रतिक्रिया:

The Asia Prime को प्राप्त प्रतिक्रियाओं में जनता का आक्रोश साफ दिखाई दे रहा है।
“अगर सरकारी पदों का उपयोग इस तरह से निजी संपत्ति बढ़ाने में होगा, तो आम जनता की योजनाएं कभी पूरी नहीं होंगी”, ऐसा कहना है पंचकूला निवासी सीमा अग्रवाल का।
वहीं, कुछ लोगों ने राज्य सरकार से भी मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए और दोषियों को जेल भेजा जाए।

 निष्कर्ष:

पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, सरकारी धोखाधड़ी और संपत्ति अर्जन के मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट में अगली सुनवाई में क्या फैसला आता है और क्या अन्य नामचीन लोगों के नाम भी इस जांच में सामने आते हैं।

लेखक: The Asia Prime टीम

🕒 तारीख: 29 जुलाई 2025
📍 स्थान: चंडीगढ़-पंचकूला
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