
” *हरियाणा-पंजाब जल विवाद दोहरे चरित्र की राजनीति बनाम जनहित का संघर्ष*
पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रभारी मनीष सिसोदिया का बयान कि “पानी की एक बूंद भी हरियाणा को नहीं देंगे” न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि क्षेत्रीय सौहार्द्र पर सीधा प्रहार है। इससे भी अधिक हास्यास्पद यह है कि हरियाणा में AAP के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता यह कह रहे हैं कि “पंजाब नहीं रोक पाएगा हरियाणा का पानी” यह स्पष्ट रूप से पार्टी के भीतर दिशाहीनता और जनभावनाओं के साथ छल का प्रमाण है।
दूसरी ओर, पंजाब में मौजूदा सरकार,भाजपा, कांग्रेस और एकजुट होकर हरियाणा को पानी देने से मना कर रहे हैं, जबकि हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस और AAP — तीनों ही दल इस मुद्दे पर भ्रम फैलाकर अपनी सत्ता की राजनीति साधने में जुटे हैं। यह हरियाणा के किसानों और जनता के साथ घोर अन्याय है।
इसके विपरीत, Indian National Lok Dal (INLD) शुरू से ही इस मुद्दे पर जनहित के साथ खड़ा रहा है। चाहे चौधरी देवीलाल का संघर्ष हो, ओमप्रकाश चौटाला का नेतृत्व या आज अभय सिंह चौटाला की अगुवाई में जारी आंदोलन — INLD ने जल अधिकार को हरियाणा के आत्मसम्मान का विषय बनाया है। यह पार्टी के लिए सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि जी-जान की लड़ाई है।