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_बेशर्मी की हद ! हारने के बावजूद पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर का हुआ प्रमोशन_*

*_बेशर्मी की हद ! हारने के बावजूद पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर का हुआ प्रमोशन_*
नई दिल्ली : भारत के साथ युद्ध में हारने के बावजूद पाकिस्तानी सरकार ने अपने सेना प्रमुख आसिम मुनीर को प्रमोशन दिया है. उन्हें फील्ड मार्शल बना दिया गया है. पाकिस्तान के न्यूज चैनल जियो न्यूज ने यह खबर दी है.
इस ऑपरेशन में पाकिस्तान को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है. लेकिन पाकिस्तानी सरकार और वहां की सेना, अपनी जनता के सामने इसे जीत की तरह पेश कर रही है. उसने ऐसे कई मनगढंत कहानियां बना लीं और उसका वीडियो भी साझा किया है, ताकि जनता को गुमराह किया जा सके.
अपनी बात को सही साबित करने के लिए शहबाज शरीफ की सरकार ने असीम मुनीर का प्रमोशन कर दिया. इसे वहां की कैबिनेट ने पारित किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शहबाज कैबिनेट ने सोमवार को जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया.
विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान हर हाल में यह संदेश देना चाहता है कि उसे भारत के साथ जंग में जीत मिली है, इसलिए इस तरह का फैसला किया है, ताकि कोई उन पर शक न करे. ये अलग बात है कि भारत ने जो सैटेलाइट इमेज जारी किए हैं, इससे पाकिस्तान की इमेज तार-तार हो चुकी है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान में फील्ड मार्शल का पद पाकिस्तानी सशस्त्र बलों में सबसे ऊंचा स्थान रखता है. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जब से पाकिस्तान बना है, तब से मात्र एक व्यक्ति को फील्ड मार्शल बनाया गया है, उनका नाम है – अयूब खान. अयूब खान 1959 से 1967 तक पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज रहे थे.
फील्ड मार्शल का पद फाइव स्टार रैंक का है. इसका अर्थ यह हुआ कि अब मुनीर थल सेना के जनरल, वायु सेना के एयर चीफ मार्शल और नेवी के एडमिरल से ऊपर होंगे. हालांकि, यह एक ऑनररी पद है.
यह खबर इसलिए चौंकाने वाली है, क्योंकि भारत द्वारा संचालित ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना को मुंह की खानी पड़ी थी. भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर न सिर्फ उन पर हमला किया, बल्कि उनके कई एयरपोर्ट को भी तबाह कर दिया. पाकिस्तानी सेना ने ऑन रिकॉर्ड स्वीकार किया कि उसके 11 सैनिक, जिनमें सीनियर अधिकारी भी शामिल थे, उनकी मौत हुई है.
क्योंकि पाकिस्तान इस हार को पचा नहीं पा रहा है, इसलिए उसने न सिर्फ मुनीर को फील्ड मार्शल बनाकर सेना प्रमुख को शांत कर दिया, बल्कि और भी कई सैनिकों को सम्मानति करने का फैसला किया है. दरअसल, पाकिस्तान की सरकार नहीं चाहती है कि सेना के निचले स्तर से भी विरोध की आवाज उठे, इसलिए उन्हें भी पुरस्कार देकर शांत कराया जा रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत सात मई की रात को भारत ने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया था. इनमें पंजाब का बहावलपुर और मरिदके भी शामिल था. ये दोनों क्षेत्र पाकिस्तान में आते हैं. भारत ने पीओके के आतंकी ठिकानों पर भी हमला किया था. इन हमलों में 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे.
इन आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तान के सीनियर सैन्य अधिकारी शामिल हुए थे. इससे भी पता चलता है कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों का समर्थन करती रही है. सात मई के हमलों के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया. भारत ने पाकिस्तान की ओर से किए गए सभी हमलों को नाकामयाब कर दिया.

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